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दो वर्ष की मैटरनिटी लीव की अनिवार्यता गलत, बीएसए का आदेश रद्द

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प्रयागराज, 28 अगस्त (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मैटरनिटी लीव के लिए दो वर्ष गैप की अनिवार्यता को आधार बनाकर छुट्टी देने से इनकार करने के बीएसए रामपुर के आदेश को रद्द कर दिया है।

कोर्ट ने आदेश रद्द कर याची को 180 दिन का मातृत्व अवकाश देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इस पीरियड का वेतन देने का भी निर्देश दिया है। यह आदेश जस्टिस प्रकाश पाड़िया ने कुशल राणा की याचिका पर सुनवाई के बाद पारित किया है। याचिका दायर कर बीएसए रामपुर के उस आदेश दिनांक 9 अगस्त 2024 को चुनौती दी गई थी, जिसके द्वारा याची के मातृत्व अवकाश को दो वर्ष पीरियड की अनिवार्यता के आधार पर खारिज कर दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा हाईकोर्ट ने पहले ही तय कर दिया है। इस कारण दो वर्ष की अनिवार्यता को आधार बनाकर मैटरनिटी लीव देने से इनकार करना ग़लत है।