नई दिल्ली, 01 अक्टूबर (हि.स.)। देश में कोयला का उत्पादन चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 453.01 एमटी (अनंतिम) तक पहुंच गया है, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि के दौरान यह 427.97 एमटी रहा था, जो कि 5.85 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है।
कोयला मंत्रालय ने मंगलवार को जारी आंकड़ों में बताया कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 के सितंबर महीने में कोयला उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है, जो कि बढ़कर 68.94 मिलियन टन (एमटी) तक पहुंच गया है। कोयला उत्पादन का ये आंकड़ा इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी महीने के उत्पादन 67.26 एमटी से ज्यादा है, जो कि 2.49 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है।
मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि चालू वित्त वर्ष 24-25 में कुल कोयला उत्पादन (30 सितंबर, 2024 तक) 453.01 एमटी (अनंतिम) तक पहुंच गया है, जबकि बीते वित्त वर्ष 2023-24 में इसी अवधि के दौरान कोयला उत्पादन 427.97 एमटी रहा था, जो कि 5.85 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है। सितंबर में कोयला डिस्पैच में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो चालू वित्त वर्ष में 4.35 फीसदी की वृद्धि के साथ बीते वित्त वर्ष 2023-24 में इसी अवधि के दौरान 70.31 एमटी की तुलना में 73.37 एमटी तक पहंच गया।
कोयला मंत्रालय के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में कुल कोयला डिस्पैच (30 सितंबर, 2024 तक) 487.87 एमटी (अनंतिम) रहा है, जबकि बीते वित्त वर्ष 2023-24 में इसी अवधि के दौरान 462.27 एमटी रहा था, जो कि 5.54 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। कोयला उठान में वृद्धि से इसके स्टॉक की स्थिति में सुधार हुआ है। 29 सितंबर, 2024 को डीसीबी में कुल कोयला स्टॉक 29 सितंबर, 2023 को 22.15 एमटी की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज करते हुए 33.46 एमटी (अनंतिम) तक पहुंच गया है, जो 51.07 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है।
उल्लेखनीय है कि कोयला मंत्रालय देश की बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए कोयला के उत्पादन को बढ़ावा देने और डिस्पैच को अधिकतम स्तर पर लाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। कोयला के उत्पादन और डिस्पैच दोनों के उपर की और जाने की प्रवृत्ति ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करती है। यह मंत्रालय का कोयला आपूर्ति में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।