दिवाली 2024: हर साल असो वदामावस्या के दिन दिवाली का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस बार दिवाली 31 अक्टूबर, गुरुवार को मनाई जा रही है। दिवाली का यह पावन पर्व मुख्य रूप से भगवान श्री राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन शाम के समय देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की एक साथ पूजा की जाती है। लेकिन क्या आप इसका कारण जानते हैं? अगर नहीं जानते तो आज जानिए इसकी वजह.
पौराणिक कथा क्या है?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार देवी लक्ष्मी को इस बात पर गर्व था कि लोग धन-संपत्ति के लिए उनकी पूजा करते थे और उन्हें प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते थे। तब भगवान विष्णु ने लक्ष्मी का घमंड तोड़ने के लिए कहा कि धन की देवी होने के बावजूद आप अधूरी हैं। जब माता लक्ष्मी ने कारण पूछा तो भगवान विष्णु ने उत्तर दिया कि एक स्त्री तब तक अधूरी है जब तक उसे मातृत्व का सुख प्राप्त न हो जाए। भगवान विष्णु के ये वचन सुनकर माता लक्ष्मी बहुत दुखी हुईं।
भगवान गणेश ने यह वरदान दिया
उसके बाद जब देवी लक्ष्मी की मुलाकात देवी पार्वती से हुई तो उन्होंने देवी पार्वती से अपना दुख व्यक्त किया। और माता पार्वती से कहा, आपके दो पुत्र हैं अत: कृपया मुझे गणेश जी को दत्तक पुत्र के रूप में दे दीजिये। यह सुनकर पहले तो माता पार्वती थोड़ी चिंतित हुईं। माता लक्ष्मी ने उनकी चिंता को समझा और कहा, मैं गणेश को वरदान दे रही हूं कि जहां भी मेरी पूजा होगी, वहां मेरे साथ गणेश की भी पूजा होगी। ऐसा माना जाता है कि तभी से दिवाली के त्योहार पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की एक साथ पूजा की जाती है।
इसलिए हम मिलकर पूजा करते हैं.’
हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी को धन और समृद्धि देने वाली के रूप में पूजा जाता है। दिवाली के त्योहार पर धन प्राप्ति के काम के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है, इसका कारण यह है कि दिवाली के दिन घर में देवी लक्ष्मी का आगमन होता है। और इंसान के दिमाग की बात करें तो जब इंसान के पास पैसा आता है तो उसकी बुद्धि फिर से चली जाती है। अर्थात जब किसी व्यक्ति के पास अधिक धन आ जाता है तो उसे घमंड होने लगता है। इसलिए धन की देवी के साथ-साथ बुद्धि के देवता यानी गणेश की भी पूजा की जाती है। ताकि जब किसी व्यक्ति को धन मिले तो वह उसका बुद्धिमानी से उपयोग कर सके।
दूसरा मत यह है कि यदि कोई शुद्ध बुद्धि के बिना धन प्राप्त करता है तो वह विनाश का कारण बनता है। ऐसे में धन के साथ-साथ अच्छी बुद्धि का होना भी जरूरी है, ताकि जीवन में भाग्य, सुख, संपत्ति और प्रसिद्धि बनी रहे। इसीलिए दिवाली पर देवी लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा करने की परंपरा है।