अयोध्या, 23 सितंबर (हि.स.)। महाराष्ट्र के वारकरी समुदाय से जुड़े तीन हजार लोग 24 सितम्बर की सुबह से छह दिन तक ज्ञानेश्वरी का पारायण करेंगे।
अयोध्या ढांचा ध्वंस के समय सर्व देव अनुष्ठान में इस समुदाय के दस हजार लोग अयोध्या आए थे। तब ये अशोक सिंघली के संपर्क में थे ,जाते वक्त सभी ने सरयू जल से संकल्प लिया था कि मन्दिर बनने के बाद अयोध्या में ज्ञानेश्वरी का अविकल पारायण करेंगे।
अब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा विकसित किए गए तीर्थ क्षेत्र पुरम (पुराना बाग बिजेसी) में मंगलवार की सुबह पांच बजे से कार्यक्रम प्रारम्भ होगा। इसके लिए 80 बसों से तीन हजार लोग पहुंचे हैं। उस समय संकल्प लेने वाले कुछ लोग भी इसमें शामिल हैं।
सुबह पांच बजे एक हजार लोग कांकड़ आरती में सम्मिलित होंगे। आयोजक टोली के सुरेश परसावार ने बताया कि सात से साढ़े आठ बजे तक तीन हजार लोग ज्ञानेश्वरी का पारायण करेंगे। फिर साढ़े नौ से साढ़े बारह तक पारायण और तीन से साढ़े चार तक व्याख्यान होगा शाम को पांच से साढ़े छह तक हरिनाम कीर्तन तथा सात बजे से नौ बजे तक कीर्तन होगा। वारकरी समुदाय कीर्तन के लिए ही जाना जाता है। आयोजकों में से एक श्रीरंग जोशी के अनुसार ज्ञानेश्वरी में अठारह अध्याय और 95 हजार ओवी हैं। एक ओवी में दो पंक्ति होती है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र संवाद केन्द्र द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि ज्ञानेश्वरी पारायण के लिए बहुत ही आकर्षक ढंग से आयोजन स्थल को सजाया गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने तीर्थ क्षेत्रपुरम पहुंचकर तैयारियों का अवलोकन किया।