नई दिल्ली, 5 नवंबर (हि.स.)। जीएसटी चोरी करने के इरादे से बनाई गई लगभग 18 हजार फर्जी कंपनियां के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत कर दी गई है। दावा किया जा रहा है कि इन 18 हजार कंपनियों के जरिए लगभग 25,000 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की गई है। इन कंपनियों के पहचान फिजिकल वेरिफिकेशन के आधार पर की गई है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार फर्जी कंपनियां के माध्यम से टैक्स चोरी करने के खिलाफ देश भर में चलाए जा रहे स्पेशल ड्राइव में करीब 73 हजार ऐसी कंपनियों की प्राथमिक तौर पर पहचान की गई थी, जिन पर गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा उठाने का शक था। जांच के क्रम में पता चला कि इन 73 हजार कंपनियों में से करीब 18 हजार कंपनियों का कोई वजूद ही नहीं था। इन कंपनियों की स्थापना सिर्फ कागजी तौर पर की गई थी लेकिन इनके जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा उठाया जा रहा था। इस तरह गलत तरीके से राजकोषीय खजाने को चोट पहुंचाई जा रही थी।
फर्जी कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए शुरू किए गए इस अभियान के तहत फिजिकल वेरिफिकेशन को ही जांच का प्रमुख तरीका बनाया गया। इस अभियान के तहत 16 अगस्त से लेकर 31 अक्टूबर तक करीब 18 हजार कंपनियाें का जमीनी वजूद नहीं मिला। इसके पहले 16 मई 2023 से लेकर 15 जुलाई 2023 के बीच चलाए गए अभियान के पहले चरण में कुल 21,791 फर्जी कंपनियों का पता चला था, जिनके माध्यम से 24,010 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का पता चला था।