जालौन, 14 सितंबर (हि.स.)। जनपद में तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद गांवों के हालात बेहद खराब हो गए हैं। एक दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं। ग्रामीण और निचले इलाकों में मकानों से लेकर लोगों की गृहस्थी पानी में डूब चुकी है। वहीं, प्रशासन ने बचाव कार्य के लिए लगातार टीमों को एक्टिव किया हुआ है और स्वयं निरीक्षण कर रहे हैं। राहत शिविरों में लोगों को पहुंचाया जा रहा है। राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि 48 घंटे हुई बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इसका प्रकोप साफतौर पर देखा जा सकता है। गांवों में बने रपटों के ऊपर से पानी बहने से हजारों ग्रामीणों का आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। मुहाना में बेतवा का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंचने के बाद घटने से लोगों ने राहत की सांस ली। जिससे बाढ़ का खतरा फिलहाल टल गया है। बेतवा का जलस्तर एक दिन पूर्व चार बजे तक 119 मीटर पहुंच गया था। जबकि खतरे का निशान 122 मीटर पर है। कोंच क्षेत्र के आठ गांव, माधौगढ़ क्षेत्र के तीन गांव, रामपुरा क्षेत्र के 20 गांव व कालपी क्षेत्र के 36 गांव बाढ़ प्रभावित हैं। कदौरा क्षेत्र में जलभराव की समस्या से लोग जूझ रहे हैं। महावीरपुरा में रपटा के ऊपर से पानी बह रहा है। जिससे लोगों का आवागमन पूरी तरह से ठप है। वहीं, तहसील क्षेत्र के ग्राम व्यासपुरा से निकली नून नदी से गांव का रपटा पूरी तरह डूब गया। पानी गांव की और बढ़ने लगा। रपटा डूबने से गांव का आवागमन भी ठप है। वहीं, पिया निरंजनपुर में भी चार दिन से रपटे के ऊपर से पानी बह रहा है। ग्रामीण कई किमी दूर से आवागमन कर रहे हैं। रपटा पर पानी लगातार बढ़ रहा है। सिरसाकलार क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश के चलते छानी, अहीर, पिपरी, तरसौर, पुरवा, जयसिंहपुर, जुगियापुर गांव में पानी घरों में भरा है। दो से तीन मीटर ऊपर पानी गांव में भरा हुआ है। जिससे ग्रामीणों की गृहस्थी डूब गई है। ग्राम प्रधान छानी बालेश तिवारी ने बताया कि उनकी न्याय पंचायत के तीनों गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं। लोगों को काफी परेशानी हो रही है। रामानंद, संतोष, अशरफीलाल, रामशंकर कुशवाहा, गुड्डू मिश्रा, मेहरबान सिंह, नंदलाल कुशवाहा ने बताया कि जलनिकासी न होने से पानी घरों में भर गया है।
वहीं, पहाड़ गांव में भैपता नरी रोड की लगभग सात सौ मीटर सड़क पानी में डूबी है। जिससे गांव का संपर्क टूट गया है। लोग जान-जोखिम में डालकर निकल रहे हैं। ग्रामीण हरज्ञान पाल, संदीप तिवारी, राघवेंद्र मुखिया, शिवराज, पवन दुबे, राधे महाराज, चेतराम पाल, परशुराम पाल, दुर्गा पाल ने बताया कि प्रशासन नहीं पहुंचने से मजबूरन लोग जान जोखिम में डालकर निकल रहे हैं।
खतरे के निशान से एक मीटर दूर यमुना, कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात
जिले में तीन दिनों से लगातार बारिश के चलते यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं तो कुछ गांवों का संपर्क टूट गया है। शुक्रवार की शाम छह बजे तक यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर नीचे बह रहा था। खतरे का निशान 108 मीटर है।
केंद्रीय जल आयोग के प्रभारी रुपेश कुमार ने बताया कि ऊपरी हिस्से के आसपास क्षेत्र में भारी बारिश के कारण यमुना का जलस्तर तीव्र गति से बढ़ रहा है। चंबल के कोटा बैराज बांध से कुछ पानी छोड़ा गया है। इसलिए लगातार जल स्तर बढ़ रहा है। शनिवार की सुबह यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। एसडीएम सुशील कुमार सिंह, तहसीलदार अभिनव कुमार तिवारी ने बताया कि यमुना के तटवर्ती क्षेत्रों में क्षेत्रीय नाविकों को सतर्क कर दिया है। अगर पानी और बढ़ता है तो क्षेत्र के ग्राम देवकली, किरतपुर, मैनपुर, गुढा खास, शेखपुरा गुढा, हीरापुर, मंगरौल, पिपरौंधा, सिकरी गांव के संपर्क सड़कों से कट जाएंगे। नदियों का बढ़ता जा रहा जलस्तर रामपुरा। रामपुरा क्षेत्र में बहने वाली पहूज नदी व सिंध नदी का जलस्तर निरंतर बढ़ता जा रहा है। पहूज नदी के निकट बसे गांव बुढेरा, मुहब्बतपुरा, कूसेपुरा, किशनपुरा, निनावली जागीर, नरौल तथा सिद्धपुरा संपर्क मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। ग्रामीण चिंतित हैं कि अगर पानी और बढ़ा तो पहूज नदी का पानी गांव में बाढ़ ला देगा।
वहीं, सिंध नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए ग्रामीण राकेश, वीरेंद्र, अरविंद, गुड्डा ने बताया कि नदी का पानी तेजी से बढ़ रहा हैं। शुक्रवार को नदियों का जलस्तर बढ़ने से बिल्हौड़, जखैता, डिकौली जागीर, मिर्जापुरा जागीर, रिठौरा, भेलवली, सुंदरपुरा आदि गांवों से संपर्क टूट चुका है। जगम्मनपुर के पास पंचनद पर भी निरंतर पांचों नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही हैं। एसडीएम माधौगढ़ सुरेश कुमार के निर्देश पर तहसील के अधिकारियों ने नदियों के बढ़ते जलस्तर का जायजा लिया।