नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले ढाई साल से चल रहे युद्ध में पहली बार यूक्रेन नेतृत्व की स्थिति में आ गया है. यूक्रेन की सेना ने अचानक रूस के कुर्स्क इलाके में हमला बोल दिया है. उसका दावा है कि उसने अब तक एक हजार किमी से ज्यादा जमीन पर कब्जा कर लिया है. यूक्रेन के इस औचक हमले ने रूस की कमजोरी को भी दुनिया के सामने उजागर कर दिया है.
यूक्रेन में हुए इस हमले के कारण हजारों रूसियों को भागना पड़ा है। जानकारों के मुताबिक दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार रूस को यह झटका लगा है। यह पहली बार है कि किसी देश की सेना रूसी सीमा में इतनी अंदर तक घुसी है.
ढाई साल तक रूस की मार झेलने के बाद भी यूक्रेन के इस जवाबी हमले की क्षमता से न सिर्फ रूस बल्कि पूरी दुनिया के युद्ध विशेषज्ञ भी दंग रह गए हैं.
उल्लेखनीय रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन करते हुए, यूक्रेन ने पता लगा लिया है कि रूस की सीमा पर उसकी सैन्य उपस्थिति कहाँ कम है और वह कितनी गहराई तक हमला कर सकती है। जबकि रूस इस संदेह में रहा कि सीमा यूक्रेन के लिए लक्ष्मण रेखा है और परमाणु युद्ध के डर से यूक्रेन इस सीमा को पार नहीं करेगा।
लेकिन यूक्रेन ने रूस के सभी अनुमानों को गलत आंकते हुए ये हमला किया. कुर्स्क में रूस के साथ यूक्रेन की 245 किमी लंबी सीमा पर कुछ रूसी सैनिक मौजूद थे। उसे इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि यूक्रेन यहां हमला कर देगा. हैरानी की बात ये है कि रूस ने इसी कुर्स्क इलाके से यूक्रेन पर दो हजार से ज्यादा हमले किए हैं.
जब यूक्रेन ने एक साथ चार ब्रिगेड के दस हजार सैनिकों के साथ हमला कर दिया तो रूस हैरान रह गया. रूसी सैन्य ब्लॉगर्स ने भी कहा कि यूक्रेन का हमला बेहद तीव्र था. यूक्रेनी सैन्य टुकड़ियों ने तेज गति और बख्तरबंद वाहनों के साथ रूस में प्रवेश किया। इससे रूस में एक तरह की दहशत फैल गई. यूक्रेन के ये सैनिक पहले ही रूस के साथ भीषण युद्ध में हिस्सा ले चुके हैं. ये यूक्रेनी सैनिक पश्चिम द्वारा आपूर्ति किये गये अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं।
लंदन के रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट में सैन्य विज्ञान के निदेशक मैथ्यू सैविले ने कहा कि यूक्रेनी सेना ने 30 किमी. घुसपैठ कर करीब 400 किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है. रूस खुद मानता है कि उसकी करीब 74 कॉलोनियों पर यूक्रेन का कब्जा है.