बीजिंग/वाशिंगटन, 04 दिसंबर (हि.स.)। चीन ने संयुक्त राज्य अमेरिका को ‘जैसे को तैसा’ शैली में जवाब दिया है। चीन ने अमेरिका को किए जाने वाले दुर्लभ खनिज निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। इससे एक दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के प्रशासन ने चीन को उन्नत अमेरिकी प्रौद्योगिकी की बिक्री पर प्रतिबंध की अवधि बढ़ा दी थी।द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने मंगलवार को कहा कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका को कई दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रहा है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका को गैलियम, जर्मेनियम, एंटीमोनी और सुपरहार्ड सामग्री की बिक्री तुरंत रोकी जा रही है। अगर ग्रेफाइट का निर्यात किया भी जाएगा तो कड़ी समीक्षा के बाद। दुनिया की दो महाशक्तियों के बीच इस टकराव से वैश्विक परिदृश्य बड़े बदलाव की संभावना बढ़ गई है। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप ने पहले ही अधिक कठोर नीति का वादा कर रखा है। वह चीन से आने वाले सामान पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा कर चुके हैं। अमेरिका और चीन के यह प्रतिबंध ट्रंप के व्हाइट हाउस में प्रवेश के साथ और अधिक आर्थिक संघर्ष का संकेत दे रहे हैं।
चीन सेमीकंडक्टर जैसी उन्नत प्रौद्योगिकी को बनाने के लिए आवश्यक दुनिया की लगभग सभी महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति का उत्पादन करता है। बीजिंग ने पिछले साल सेमीकंडक्टर में इस्तेमाल होने वाले गैलियम और जर्मेनियम के निर्यात को नियंत्रित करने के लिए एक कानूनी ढांचा भी विकसित किया है। अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय ने निर्यात प्रतिबंध के अधीन चीनी प्रौद्योगिकी कंपनियों की सूची का विस्तार करते हुए नई 140 फर्मों को जोड़ा है। ये कंपनियां कंप्यूटर चिप्स, चिप बनाने के उपकरण और सॉफ्टवेयर बनाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण बनाती हैं। सभी कंपनियां चीन में स्थित हैं। इस सूची में चीनी स्वामित्व वाले ऐसे व्यवसाय भी शामिल हैं जो जापान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर में हैं। चीन ने इसका विरोध किया है।चीन ने भी अमेरिका में गैलियम, जर्मेनियम, एंटीमनी और सुपरहार्ड सामग्री से संबंधित दोहरे इस्तेमाल वाली वस्तुओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि ये निर्यात प्रतिबंध मंगलवार से प्रभावी होंगे। इसमें अमेरिका भेजे जाने वाले ग्रेफाइट दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के लिए अंतिम-उपयोगकर्ता और अंतिम-उपयोग के लिए सख्त समीक्षा की भी आवश्यकता जताई गई है।