हमीरपुर, 28 अगस्त (हि.स.)। ईदगाह की जमीन बताकर खाली करने का नोटिस थमाने के बाद रिहायशी मकान मालिकों की शिकायत पर बुधवार को शुरू हुई जांच में पाया गया कि ईदगाह वफ्फ बोर्ड की जमीन पर नहीं बल्कि ग्राम समाज की जमीन पर बनी है। ईदगाह में संचालित मदरसा मान्यता प्राप्त है लेकिन छात्र संख्या नगण्य होने की वजह से मान्यता समाप्त करने की कार्यवाही की जाएगी। जांच टीम को कमेटी मौके पर किसी तरह के अभिलेख घंटो समय देने के बाद भी मुहैया नहीं करा सकी। जांच टीम ने माना है कि कमेटी मनमाने तरीके से कार्य कर रही है। जांच रिपोर्ट कार्यवाही के लिए जिलाधिकारी व अल्पसंख्यक विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी।
सुमेरपुर में बांकी मार्ग स्थित ईदगाह एवं मदरसा के संचालन के लिए अंजुमन नुरुल इस्लाम कमेटी बनी हुई है। इस कमेटी के अध्यक्ष तुफैल खान एवं सचिव असद उल्ला हैं। गत 13 अगस्त को कमेटी के अध्यक्ष एवं सचिव ने ईदगाह के पीछे रहने वाले मकान मालिकों को वकील के जरिये नोटिस भेजकर मकान खाली करने के निर्देश देते हुए कहा था कि यह जमीन ईदगाह की है। इस नोटिस से लोगों में हड़कंप मच गया था। नोटिस मिलने के बाद ईदगाह के पीछे रहने वाले लोगों ने मामले की शिकायत जिलाधिकारी राहुल पांडेय से की थी।
जिलाधिकारी ने मामले की जांच अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी हिमांशु अग्रवाल को सौंपी थी। बुधवार को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने ईदगाह पहुंचकर सबसे पहले ईदगाह में संचालित दारुल नुरुल इस्लाम मदरसे का निरीक्षण करके मदरसे के मौलवी जाहिद अली से पूछताछ करके मदरसे के अभिलेख तलब किये लेकिन वह कुछ नहीं दिखा सके। उन्होंने कहा कि मदरसे की मुतव्वली हाफिज सैफ उल्ला हैं उनके पास ही कागजात हैं। काफी जद्दोजहद के बाद कमेटी के अध्यक्ष तुफैल अहमद जांच टीम के समक्ष आये और ईदगाह की खतौनी आदि पेश की लेकिन वह वफ्फ बोर्ड के कोई कागजात नहीं दिखा सके।
इससे जांच टीम संतुष्ट नहीं दिखी और उन्होंने कहा कि यह वफ्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं बल्कि ग्राम समाज की संपत्ति है। कमेटी नियम विरुद्ध संचालन कर रही है। मदरसा मान्यता प्राप्त है लेकिन छात्र संख्या नगण्य है। इस वजह से इसकी मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने कहा कि यह संपत्ति वफ्फ बोर्ड की नहीं है बल्कि ग्राम समाज की है। इसकी जांच रिपोर्ट तैयार करके कार्यवाही के लिए जिलाधिकारी के साथ अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी। जांच के दौरान अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के लिपिक सुरेश कुमार, सोहनलाल आदि मौजूद रहे।