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गौशाला में व्यवस्था के अभाव में गौवंश की जान जाने पर होगी कार्रवाई : जिलाधिकारी

हाथरस, 13 सितम्बर (हि.स.)। जनपद के सादाबाद ग्राम पंचायत कजरौठी व तसींगा में संचालित अस्थाई गौशाला का जिलाधिकारी आशीष कुमार ने शुक्रवार को निरीक्षण किया। गौशाला जिलाधिकारी ने वहां संरक्षित गौवंश के लिए पर्याप्त चारा-पानी आदि की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और जिम्मेदार अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि व्यवस्था के अभाव में कोई भी गौवंश की जान नहीं जानी चाहिए। ऐसा होने पर संबधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।

जिलाधिकारी आज विकास खण्ड सादाबाद के ग्राम पंचायत कजरौठी में दो एकड़ में संचालित श्री राधे अस्थाई गौशाला तथा ग्राम पंचायत तसींगा में संचालित अस्थाई गौशाला का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां पर लगभग 492 निराश्रित गौवंश की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने गौशाला में बीमार गौवंश, छोटे बछड़ों और कमजोर पशुओं के लिये चारे-पानी की अलग से व्यवस्था करने के निर्देश दिए। गौवंश के लिये हरे चारे की उपलब्धता के​ लिए रिक्त भूमि पर नेपियर घास लगवाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला पंचायतराज अधिकारी को ग्राम पंचायतों में संचालित समस्त गौशालाओं में मिट्टी का टापू बनवाने तथा गौशाला में जहां पर जलभराव की समस्या हो सकती हैं, उन स्थलों पर ईंटों की रोड़ी एवं राबिस डलवाने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्राम प्रधानों को गौशाला में जल निकासी की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के साथ ही नियमित रूप से साफ-सफाई कराने एवं संरक्षित पशुओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण व टीकाकरण कराने निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान अस्थाई गौशाला में संरक्षित गौवंश, पीने के पानी, टीनशेड, खाने के लिए हरा चारा एवं भूसे आदि की व्यवस्था, केयर टेकर उपस्थिति, स्टॉक, पशु चिकित्सक विजिट तथा सी0सी0टी0वी0 संचालन के संबंध में जानकारी की। सभी व्यवस्थाओं के बारे में सहायक विकास अधिकारी पंचाय रामकिशन सिंह ने अवगत कराया। साथ ही नेडा विभाग द्वारा दो सोलर लगाये जाने की जानकारी दी।

इसके पश्चात जिलाधिकारी ग्राम पंचायत तसींगा स्थित अस्थाई गौशाला का निरीक्षण करने पहुंचे। गौशाला में संरक्षित किये गये गौ-वंश के लिए व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। जहां उपस्थित सचिव संत कुमार ने अवगत कराया कि गौशाला लगभग तीन बीघा में बनी हुई है। गौशाला में लगभग 191 निराश्रित गौवंश मौजूद हैं। जिसमें से तीन नर तथा 188 मादा गौवंश हैं। जिनकी देखरेख के लिए चार केयर टेकर हैं। चार टीन शेड, पांच चरही, 10 पानी के हॉज, एक समरसेबिल तथा दो सी0सी0टी0वी0 कैमरे संचालित हैं। गौशाला में एक पशु चिकित्सक तैनात है। सभी गौवंशों की ईयर टैगिंग करा दी गई है।

निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक, जिला पंचायतराज अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी तथा संबंधित कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।