गाजियाबाद, 09 अगस्त (हि.स.)। गाजियाबाद के निवासियों के लिये अच्छी खबर है। बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट को लेकर पिछले कई वर्षों से से स्वीकृति के लिए चल रही कोशिश कामयाब हो गयी है। प्रदेश शासन ने बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट विकसित करने के लिए स्वीकृति दे दी है। शुक्रवार को नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि लगभग 15 करोड़ की लागत से महामाया स्टेडियम के पीछे लगभग 60 एकड़ में बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट विकसित किया जाएगा। जो लगभग 38 सुविधाओं से युक्त होगा बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट, गाजियाबाद नगर निगम द्वारा शहर में आधुनिक जंगल बनाने की रूपरेखा बनाई जा रही है जिसमें पूरे पार्क को आधुनिक प्रक्रिया से व्यवस्थित किया जाएगा, नाले के पानी का ट्रीटमेंट होकर पौधों के उपयोगी बनाया जाएगा, बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट मे रिसर्च सेंटर भी बनाया जाएगा।
नगर आयुक्त ने बताया कि बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट को पूर्ण रूप से टेक्निकल पर आधारित बनाया जाएगा जो शहर को एक ऑक्सीजन प्लांट के रूप में बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट सफल रहेगाl उन्होंने बताया कि विशाल बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट में लगभग 400 से 450 प्रजातियां पौधों की लगाई जाएंगी जिसमें जलीय पौधे कैक्टस क्लैमर आदि कई तरह के पेड़ औषधियां एवं जड़ी बूटियां बांस आर्किड एवं साइकस की प्रजातियां भी लगाई जाएंगी, फॉरेस्ट में अन्य आधुनिक व्यवस्थाओं के साथ साथ वहां होने वाला कूड़ा कचरा को ग्रीनमाउंट में तब्दील किया जाएगा तथा वहां पर रिसर्च सेंटर का भी प्रबंध किया गया है। जिसमें लोग जैव विविधता के बारे में जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे।
उद्यान प्रभारी डॉ. अनुज ने बताया कि पौधों की सिंचाई के लिए सीवेज वाटर को साइट पर ही साफ कर किया जाएगा इस्तेमाल किया जाएगा। गाजियाबाद एवं आसपास के शहर के लोग उठा पाएंगे तथा दूर दराज से आने वाली यात्री भी इस आकर्षक पार्क का हिस्सा बनेंगे। गाजियाबाद के अलावा भी अन्य प्रदेशों में भी इसकी प्रसिद्धि रहेगी। इस प्रकार की योजना के तहत पार्क में निर्माण कार्य कराए जाएंगे। तत्कालीन नगर आयुक्तों द्वारा भी बायोडायवर्सिटी की स्वीकृति के लिए प्रयास किया था, किंतु गाजियाबाद नगर निगम द्वारा इस बार शासन से स्वीकृति प्राप्त कर ली है। शहर वासियों को इस बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट का लाभ प्राप्त होगा। जन सहयोग से और सुझावों से बायोडायवर्सिटी फॉरेस्ट को और अधिक बेहतर बनाने का कार्य किया जाएगा।