हमीरपुर, 05 नवम्बर (हि.स.)। रबी की फसल के लिए जरूरी खाद की कमी से परेशान किसान मंगलवार को सुमेरपुर पीसीएफ केंद्र और सहकारी समितियों में खाद के लिए लंबी-लंबी लाइनों में भूखे-प्यासे खड़े रहे लेकिन अधिकांश को निराशा ही हाथ लगी। विभिन्न गांवों से आए किसान सुबह से कतार में खड़े थे। सीमित मात्रा में ही खाद का वितरण किया गया, जिससे ज्यादातर किसान खाली हाथ लौट गए।
किसानों का आरोप है कि कुछ प्रभावशाली लाेगाें को प्राथमिकता देते हुए उनकी पर्चियां पहले से काट कर रखी गईं, जबकि साधारण किसानों और महिला किसानों की अनदेखी की गई। कुछ असरदार लोगों को बिना आधार कार्ड और खतौनी के बीस-बीस बोरी खाद दे दिया गया लेकिन कमजोर किसानों को एक बोरी खाद भी पीसीएफ गोदाम प्रभारी ने नही दिया। बिरखेरा के हेमराज और श्रीकांत, पाटनपुर के भीम प्रकाश, सुमेरपुर के राम सेवक, शांति भौनियां, गीता मौहर, संगीता पत्योरा, रामा भौनिया और शांतिपंधरी ने पीसीएफ प्रभारी पर मनमाने ढंग से खाद वितरण का आरोप लगाया। उनका कहना था कि महिला किसानों को बार-बार धूप में लाइन में खड़ा किया गया लेकिन अंततः उन्हें खाद नहीं दी गई और बाहर खदेड़ दिया गया। किसानों की मानें तो दो-दो बोरी खाद के लिए लोग घंटों भूखे-प्यासे लाइन में खड़े रहे लेकिन पक्षपात के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा। इस दौरान पीसीएफ केंद्र पर अफरातफरी का माहौल बना रहा। जिन किसानों को खाद नहीं मिली, वे निराश होकर बैरंग अपने गांव लौट गए और शासन प्रशासन के झूठे वादों पर खरी खोटी सुनाते नजर आए।