मॉस्को, 03 दिसंबर (हि.स.)। क्रेमलिन के विश्वासपात्र कॉन्स्टेंटिन मालोफेयेव को लगता है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन संभवतः अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यूक्रेन शांति समझौते को अस्वीकार कर देंगे। उन्होंने कहा कि अगर अंतिम समझौते में ‘मॉस्को की मांगों में से एक कीव के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी’ को भी जोड़ दिया जाए तब भी आधी-आधी (50-50) संभावना है। द मॉस्को टाइम्स के अनुसार, कॉन्स्टेंटिन मालोफेयेव ने यह मत एक साक्षात्कार में व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मॉस्को चाहता है कि ट्रंप रूसी क्षेत्र के भीतर यूक्रेन को अपनी मिसाइलों का उपयोग करने के लिए वाशिंगटन की मंजूरी को उलट दें। ट्रंप और पुतिन की प्रस्तावित वार्ता के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह यूक्रेन के भविष्य के बारे में नहीं, बल्कि यूरोप और दुनिया के भविष्य के बारे में होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि मॉस्को चाहता है कि ट्रंप मध्य पूर्व में युद्ध, चीन के साथ रूस के गठबंधन और अमेरिका की स्वीकृति पर चर्चा करें। मालोफेयेव ने कहा, “हम वैश्विक व्यवस्था के लिए दीर्घकालिक शांति चाहते हैं।
कॉन्स्टेंटिन मालोफेयेव ने यूक्रेन में युद्ध के लिए ट्रंप द्वारा हाल ही में नामित विशेष दूत कीथ केलॉग के संदेह के जवाब में पुतिन की परमाणु धमकी को दोहराया। केलॉग ने संदेह जताया था कि यूक्रेन के रूस पर हथियार चलाने के पश्चिमी समझौते के जवाब में पुतिन यूरोप में परमाणु युद्ध शुरू कर देंगे। मालोफेयेव ने कहा कि रूस सामरिक परमाणु हथियार दाग सकता है।उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति अभियान के दौरान यूक्रेन में रूस के लगभग तीन साल के युद्ध को शीघ्र समाप्त करने का वादा किया था। पुतिन सार्वजनिक रूप से मांग कर चुके हैं कि यूक्रेन लड़ाई रोकने की पूर्व शर्त के रूप में अपने पूर्व और दक्षिण का कुछ क्षेत्र छोड़ दे। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रविवार को कहा कि उनके देश को रूस के साथ किसी भी वार्ता से पहले नाटो से सुरक्षा गारंटी और अपनी रक्षा के लिए अधिक हथियारों की आवश्यकता है।