नई दिल्ली, 23 सितंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार ने हाल ही में प्याज के निर्यात पर शुल्क को हटाने के बाद खुदरा कीमतों में आई तेजी के मद्देनजर थोक बाजारों में ‘बफर स्टॉक’ से बिक्री बढ़ाकर कीमतों पर अंकुश लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। इससे पहले सरकार ने रियायती दर 35 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव प्याज बेचना शुरू किया था। लेकिन, खुदरा बाजार में प्याज अभी 70 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रहा है। वहीं, टमाटर भी 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है।
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत उपभोक्ता मामले विभाग (डीओसीए) की सचिव निधि खरे ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों के थोक बाजारों में अपने ‘बफर स्टॉक’ (भंडार) से प्याज निकालना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना पूरे देश में सब्सिडी वाले प्याज की खुदरा बिक्री की है। खरे ने कहा कि प्याज पर निर्यात शुल्क हटाने के बाद हमें कीमतों में उछाल का अनुमान था। उन्होंने बताया कि हमारे 4.7 लाख टन के ‘बफर स्टॉक’ और खरीफ की बुवाई के बढ़े हुए रकबे के साथ हमें उम्मीद है कि प्याज की कीमतें नियंत्रण में रहेंगी।
निधि खरे ने कहा कि केंद्र सरकार समूचे भारत में 35 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्याज की खुदरा बिक्री को बढ़ाने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि इनमें उन शहरों पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है, जहां इसकी कीमतें राष्ट्रीय औसत से अधिक हैं। उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 22 सितंबर को दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 55 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो एक साल पहले की समान अवधि में 38 रुपये प्रति किलोग्राम थी। वहीं, मुंबई तथा चेन्नई में इसकी कीमतें क्रमशः 58 रुपये और 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार राजधानी नई दिल्ली और अन्य राज्यों की राजधानियों में मोबाइल वैन और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) तथा भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) की दुकानों के जरिए पांच सितंबर, से 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज बेच रही है। खरे ने कहा कि आगामी खरीफ प्याज की फसल से काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने टमाटर की बढ़ती कीमतों के बारे में कहा कि सरकार रुझानों पर नजर रखेगी और जरूरत पड़ने पर हस्तक्षेप करेगी।
इसके अलावा निधि खरे को घरेलू अरहर तथा उड़द उत्पादन के अच्छे रहने और दालों के आयात में वृद्धि के साथ आने वाले महीनों में दलहन की कीमतों में स्थिरता रहने की उम्मीद जतायी है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 10 दिन पहले प्याज पर 550 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य हटा दिया था, जबकि कच्चे पाम ऑयल पर आयात शुल्क बढ़ाकर 20 फीसदी और परिष्कृत सूरजमुखी तेल पर 32.5 फीसदी कर दिया था, जिसका उद्देश्य घरेलू तिलहन किसानों तथा प्रसंस्करणकर्ताओं को समर्थन देना था।