हमीरपुर, 11 अक्टूबर (हि.स.)। बैंक और साहूकारों के कर्ज से परेशान किसानों के आत्महत्या करने का दौर भी शुरू हो गया है। ताजा मामला आज शुक्रवार को एक गांव का सामने आया है जिसमें पचहत्तर साल के बुजुर्ग किसान ने महज बैंक के कर्ज और जमीन गिरवी में रखे होने से परेशान होकर फांसी लगा ली जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
हमीरपुर जिले के मुस्करा थाना क्षेत्र के पहाड़ी भिटारी गांव निवासी राधारण राजपूत (75) काफी दिनों से परेशान था। इसने अपने ही घर में खम्भे से फांसी लगाकर जान दे दी। इस घटना से परिजनों में कोहराम मच गया। घर दशहरे पर्व की चल रही तैयारियां मातम में बदल गई। इस घटना की लिखित सूचना मृतक के बेटे जितेन्द्र राजपूत ने मुस्करा थाने में दी जिस पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव के पंचनामा कराने की कार्रवाई की। पुलिस ने आत्महत्या के कारण जानने को परिजनों और पड़ोसियों से बातचीत की। परिजनों ने बताया कि राधा चरण दस बीघे कृषि जमीन का काश्तकार था। इसी जमीन से वह अपने परिवार का भरण पोषण करता था। कुछ साल पहले उसने बैंक से ग्रीन कार्ड जरिए कर्ज लिया था जो मौजूदा में एक लाख रुपये से ज्यादा बकायेदारी हो गई थी। कर्ज न लौटाने और आर्थिक तंगी से परेशान था। बताया कि कर्ज और आर्थिक तंगी से परेशान होकर बुजुर्ग किसान ने आत्मघाती कदम उठा लिया है। मुस्करा थाना प्रभारी शशि पांडेय ने शुक्रवार को बताया कि बुजुर्ग किसान के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मामले की जांच कराई जा रही है।
–बेटी की शादी के लिए दस बीघे खेत भी रख दिए गिरवी
जितेन्द्र सिंह राजपूत ने बताया कि पिता राधा चरण ने कुछ साल पहले बैंक से खेतीबाड़ी के लिए कर्ज लिया था। इसके बाद दो साल पहले बेटी की शादी को लेकर गांव के बड़े लोगों से लाखों रुपये कर्ज लिया था। बताया कि पिता ने कर्ज के बदले दस बीघे खेत भी गिरवी में रख दिए। खेत गिरवी में रखे होने से घर में आर्थिक दिक्कतें आ गई, जिससे पूरा घर परेशान था। इसी कारण बुजुर्ग किसान ने आत्मघाती कदम उठाया है।