लखनऊ, 14 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह की उपस्थिति में बुधवार को पर्यटन विभाग उ0प्र0 और इंटरनेशनल सेण्टर फॉर रिस्पान्सिबल टूरिज्म इंडिया (आईसीआरटी) के बीच पर्यटन भवन में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया, निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्रा और आईसीआरटी की हेड मनीषा पाण्डेय उपस्थित रहीं।
इस अवसर पर पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में पर्यटकों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि सरकार की ओर से कुशल शासन और सुरक्षा की वजह से संभव हुआ है। प्रशासन ने प्रदेश में भयमुक्त वातावरण दिया, जिससे पर्यटकों की संख्या अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2017 की तुलना में पिछले साल पर्यटकों की संख्या में तीन गुना वृद्धि दर्ज की गयी और इसी अवधि में 48 करोड़ पयर्टकों का प्रदेश में आगमन हुआ। उ0प्र0 घरेलू पर्यटन के मामले में पहले स्थान पर बना हुआ है।
जयवीर सिंह ने कहा कि महाकुंभ-2025 हमारे लिए चुनौती और अवसर दोनों है। महाकुंभ में आने वाले पर्यटकों की हर सुविधा के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, आज का समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर्यावरण की दृष्टि से भी अहम है। आईसीआरटी के प्रयास से ग्रामीण टूरिज्म बढ़ेगा।
इस अवसर पर अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि उत्तर प्रदेश टूरिज्म वैश्विक स्तर पर कामयाबी का परचम लहरा रहा है। यह पर्यटन विभाग की नित नई ऊंचाई छूने का प्रमाण है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की पांचवीं अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री के 5 ट्रिलियन डालर की इकोनॉमी के लक्ष्य को पूरा करने में उत्तर प्रदेश अहम भूमिका निभाने को तत्पर है। हमें 85 करोड़ पर्यटकों के आगमन के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ना है। महाकुंभ-2025 के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हुए आगे बढ़ना है।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि, रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म का लक्ष्य पर्यटन स्थलों की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के साथ स्थानीय समुदायों को पर्यटन से होने वाले लाभ में भागीदारी बढ़ाना है।
आईसीआरटी की इंडिया हेड मनीषा पांडेय ने एमओयू साइन होने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश सरकार से जुड़कर अच्छा लग रहा है। देश के अन्य राज्यों के साथ मिलकर काम करने का अनुभव बेहतर रहा है। यूपी में पर्यटन की अपार क्षमता और संभावनाएं हैं। हमारी भूमिका पर्यटन स्वरूप को रिस्पॉन्सिबल तरीके से निभाना है। इस अवसर पर विभागीय अधिकारी एवं रिस्पांसिबल टूरिज्म से जुड़े अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।