Income Tax: वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही खत्म होने वाली है, यानी वित्त वर्ष का आधा हिस्सा बीतने वाला है और ज्यादातर वेतनभोगी लोग इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि भविष्य को सुरक्षित करने के मकसद से बचत करने के बाद कहां निवेश किया जाए, जिससे आयकर में बचत के साथ-साथ गारंटीड रिटर्न भी हासिल किया जा सके। सरकार अभी भी पुरानी कर व्यवस्था के तहत आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत ₹1,50,000 तक के चुनिंदा निवेशों पर आयकर छूट देती है। इसलिए मोटे तौर पर देखा जाए तो वेतनभोगी लोगों के लिए आयकर बचाने का यह सबसे अच्छा विकल्प है। आइए जानते हैं ऐसी पांच बचत योजनाएं, जिनमें निवेश करके आप शानदार रिटर्न पा सकते हैं और आयकर भी बचा सकते हैं।
केवीपी यानि किसान विकास पत्र
भारतीय डाक विभाग द्वारा चलाई जा रही यह छोटी बचत योजना कुछ अन्य योजनाओं की तुलना में अधिक ब्याज अर्जित करती है। लेकिन इस योजना में किया गया निवेश 115 महीने, यानी 9 साल और 7 महीने में परिपक्व होता है। इस योजना में निवेश की न्यूनतम सीमा ₹1,000 है, और अधिकतम की कोई सीमा नहीं है। ₹1,000 के बाद इस योजना में ₹100 के गुणकों में निवेश किया जा सकता है। किसान विकास पत्र, यानी KVP में निवेश करने के लिए किसी भी निवेशक को डाकघर जाना होगा। मौजूदा दरों के मुताबिक, इस योजना में निवेश की गई रकम 9 साल और 7 महीने में दोगुनी होकर रिटर्न देती है, क्योंकि फिलहाल केंद्र सरकार इस योजना में किए गए निवेश पर 7.4 फीसदी की दर से ब्याज देती है।
एनएससी यानि राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र
इंडिया पोस्ट यानी डाक विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (आठवां अंक) निवेश के लिए काफी लोकप्रिय साधन है। छोटी बचत योजनाओं में गिनी जाने वाली एनएससी योजना की निवेश अवधि पांच साल की होती है और इसमें न्यूनतम निवेश सीमा भी ₹1,000 है, जिसके बाद ₹100 के गुणकों में रकम जमा की जा सकती है। इस योजना में निवेश की कोई अधिकतम सीमा भी नहीं है। एनएससी को देशभर के किसी भी डाकघर से खरीदा जा सकता है, जो ठीक पांच साल में परिपक्व होगा। केंद्र सरकार इस समय एनएससी पर 7.7 फीसदी ब्याज दे रही है। राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र में निवेश किया गया प्रत्येक ₹1,000 पांच साल बाद परिपक्वता पर ₹1,449 हो जाएगा।
एससीएसएस, यानी वरिष्ठ नागरिक बचत योजना
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना यानी एससीएसएस को रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था और इसकी खासियत यह है कि केंद्र सरकार फिलहाल किसी भी अन्य बचत योजना में इससे ज्यादा ब्याज नहीं देती है। फिलहाल सरकार एससीएसएस में किए गए निवेश पर 8.2 फीसदी की दर से ब्याज दे रही है और यह ब्याज दर सिर्फ सुकन्या समृद्धि योजना में ही लागू है। एससीएसएस में सिर्फ एकमुश्त निवेश ही संभव है, जिसकी अधिकतम सीमा ₹30 लाख है, हालांकि एससीएसएस में निवेश की न्यूनतम सीमा ₹1,000 भी है। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में मिलने वाले ब्याज की गणना हर तिमाही में की जाती है और निवेशक को दी जाती है। एससीएसएस खाता पांच साल में परिपक्व होता है, हालांकि इसे तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।
SSA यानी सुकन्या समृद्धि योजना
निवेश पर टैक्स बचत, ब्याज पर कोई आयकर नहीं और मैच्योरिटी राशि भी पूरी तरह टैक्स फ्री- सुकन्या समृद्धि योजना यानी एसएसए केंद्र सरकार की EEE श्रेणी की एक बहुत अच्छी योजना है। इस योजना में केवल वे भारतीय नागरिक निवेश करने के हकदार हैं जिनकी बेटी या बेटियाँ 10 वर्ष से कम उम्र की हैं। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत अधिकतम दो बेटियों (दूसरे बच्चे के जन्म के समय जुड़वां बेटियों के मामले में तीन बेटियाँ) के लिए खाता खोला जा सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत हर साल अधिकतम ₹1,50,000 जमा किए जा सकते हैं, और योजना के खाते में हर साल न्यूनतम ₹250 जमा करना जरूरी है। इस योजना में भी केंद्र सरकार फिलहाल 8.2 फीसदी की दर से अधिकतम ब्याज यानी चक्रवृद्धि ब्याज दे रही है। एसएसए खाते की मैच्योरिटी 21 साल पूरे होने पर होती है, लेकिन अभिभावक को इसमें सिर्फ 15 साल तक ही निवेश करना होता है। जैसा कि पहले बताया गया है कि सुकन्या समृद्धि योजना खाते की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह EEE कैटेगरी में है, जिसका मतलब है- निवेश की गई रकम पर हर साल इनकम टैक्स बचाने के साथ-साथ मैच्योरिटी पर मिलने वाली पूरी रकम (निवेश और ब्याज) पर भी कोई इनकम टैक्स नहीं देना होता है।
पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड या लोक प्रत्यानिधि
डाक विभाग द्वारा चलाई जाने वाली सबसे लोकप्रिय योजना पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ है और इसकी खासियत यह है कि सुकन्या समृद्धि योजना की तरह यह भी EEE कैटेगरी में है। इस योजना में निवेश की अधिकतम सीमा भी ₹1,50,000 प्रति वर्ष है। खाते को जारी रखने के लिए हर साल न्यूनतम ₹500 जमा करना जरूरी है, अन्यथा निवेश न करने पर हर साल ₹50 का जुर्माना देना पड़ता है। केंद्र सरकार इस समय पीपीएफ खाते में निवेश की गई रकम पर 7.1 फीसदी सालाना की दर से चक्रवृद्धि ब्याज दे रही है। पीपीएफ खाता 15 साल में परिपक्व होता है, लेकिन खाते को पांच-पांच साल के ब्लॉक के लिए कई बार बढ़ाना संभव है, जिसके लिए कोई सीमा तय नहीं की गई है।