अमेरिकी खुफिया जानकारी लीक मामला: इस महीने की पहली तारीख को ईरान ने इजराइल पर सिलसिलेवार मिसाइल हमले किए, कुछ ही मिनटों में ईरान ने इजराइल पर 180 बैलिस्टिक मिसाइलें दाग दीं. इसके बाद इजराइल ने भी कसम खाई कि वह जरूरत पड़ने पर तेहरान को अपना जवाब देगा लेकिन उसने 25 दिन की देरी कर दी. हालांकि इस बीच उनके कई बयान भी आए. इसके रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने पायलटों और एक दल को इजराइल के संभावित हमले के बारे में बताया कि इस हमले के बाद दुनिया को इजराइली सेना की ताकत और प्रशिक्षण क्षमता का अंदाजा हो जाएगा.
इसराइल के रक्षा मंत्री ने इसी सप्ताह बयान दिया था. इस बयान के बाद इजराइल ने ईरान के 4 शहरों पर हमला कर दिया. उनके सैन्य अड्डे को भी निशाना बनाया गया. 100 से ज्यादा लड़ाकू विमानों ने एक साथ ये हमला बोला.
ईरान पर जवाबी कार्रवाई में देरी क्यों?
इस कार्रवाई से पहले सवाल उठाया गया था कि क्या इजराइल सिर्फ बयान बनकर रह जाएगा? क्या ईरान की धमकियों से डरा हुआ है इजराइल? या फिर इस देरी का कोई और कारण है? इस सवाल का जवाब एक ब्रिटिश अखबार ने अपनी रिपोर्ट में विस्तार से दिया है. कुछ दिन पहले अमेरिका से ईरान पर संभावित हमले से जुड़ी एक योजना की जानकारी लीक हुई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, प्लान लीक होने के बाद इजरायल को जवाबी हमले से बचना पड़ा.
योजना के लीक होने से इजराइल की टेंशन बढ़ गई
इजरायली योजना की जानकारी रखने वाले एक अज्ञात स्रोत का हवाला देते हुए अखबार ने कहा कि इजरायल चिंतित है कि हालांकि लीक हुए दस्तावेजों में किसी लक्ष्य का नाम नहीं दिया गया है, लेकिन जानकारी ईरानी हमलों के कुछ पैटर्न की भविष्यवाणी करने में मदद कर सकती है। इजराइल ने अब ईरान पर हमले के लिए एक वैकल्पिक योजना तैयार की है, लेकिन इस योजना पर आगे बढ़ने से पहले उसे युद्ध-खेल की जरूरत है।
अमेरिकी दस्तावेज़ों के लीक होने से हमले में देरी हुई, जिससे कुछ रणनीति में बदलाव की आवश्यकता पड़ी। जानकारी के मुताबिक, इजराइल ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा लेकिन इसमें जितना होना चाहिए था, उससे ज्यादा समय लग गया है।
कब और कैसे लीक हुआ हमले का प्लान?
कई दिनों से ईरान पर इजरायली हमले की आशंका के बीच पिछले शुक्रवार को टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर उनका प्लान लीक हो गया था. जब टेलीग्राम पर शीर्ष-गुप्त राष्ट्रीय भू-स्थानिक-खुफिया एजेंसी के दस्तावेज़ ऑनलाइन सामने आए, तो उन्होंने इजरायली वायु सेना और नौसेना के लिए अमेरिकी योजनाओं का खुलासा किया। 15-16 अक्टूबर की यह निजी जानकारी विशेष रूप से अमेरिका और उसके फाइव आईज़ सहयोगियों के लिए थी, जो लीक हो गई थी।
कुछ दिनों बाद अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने दस्तावेजों के लीक होने की जांच शुरू कर दी है. पेंटागन में तैनात ईरानी मूल की अधिकारी एरियाना तबताबाई पर शुरू में दस्तावेजों को लीक करने का संदेह था, लेकिन अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने रोम में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ऐसा कोई संकेत नहीं है कि लीक के लिए पेंटागन के किसी कर्मचारी की जांच की जा रही है। पास होना
ईरान ने इजराइल पर हमला क्यों किया?
1 अक्टूबर को इजराइल पर हुए हमले को लेकर ईरान ने कहा कि यह मिसाइल हमला लेबनान में हुए हमले के जवाब में था. ईरान ने इसे हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह, हमास प्रमुख इस्माइल हानिया और आईआरजीसी कमांडर निलफोरुशन की हत्याओं का प्रतिशोध बताया। ईरान पर हमले के बाद से ही इजराइल ने जरूरत पड़ने पर जवाब देने की कसम खाई है.
पहले ऐसी आशंका थी कि इजराइल ईरान की परमाणु सुविधाओं और तेल भंडारों को निशाना बना सकता है, लेकिन अमेरिका ने इस पर आपत्ति जताई है. जिसके बाद माना जा रहा था कि इजराइल केवल ईरान के सैन्य और रणनीतिक अड्डे को निशाना बनाएगा, लेकिन पिछले हफ्ते कैसरिया में इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के निजी आवास पर हुए हमले के बाद माना जा रहा है कि इजराइल के जवाबी कदम और अधिक आक्रामक होंगे.