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आबकारी कॉन्स्टेबल के तबादले पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

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प्रयागराज, 27 अगस्त (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आबकारी विभाग में तैनात कॉन्स्टेबल लक्ष्मी सिंह के स्थानांतरण पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने स्थानांतरण आदेश को प्रथम दृष्टया दुर्भावनापूर्ण मानते हुए आबकारी विभाग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इसके पूर्व हाईकोर्ट के आदेश पर आबकारी आयुक्त इलाहाबाद आदर्श सिंह ने अदालत उपस्थित होकर हलफनामा प्रस्तुत किया।

मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति जेजे मुनीर कर रहे हैं। याची की तरफ से कोर्ट को बताया कि उसके विरुद्ध पूर्व में भी कई बार कार्रवाई हो चुकी है। जिसके आधार पर उसे आरोप पत्र जारी किया गया है। कोर्ट ने कहा कि डिस्पैच रजिस्टर की प्रविष्टियों को देखने से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि याची द्वारा लगाए गए आरोप गलत नहीं है। उसके विरुद्ध कार्रवाई के पीछे दूषित भावना प्रतीत होती है। याची के विरुद्ध जो रिमार्क किए गए हैं उनका चार्जशीट से कोई लेना-देना नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट याचिका की विषय वस्तु नहीं है। याची इसे अलग से चुनौती दे सकता है। कोर्ट ने आयुक्त को अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी है। कोर्ट ने याची के स्थानांतरण आदेश और उसके प्रत्यावेदन को निरस्त करने के आदेश को निलंबित कर दिया है तथा याची को अपने पद पर काम करते रहने और उसे नियमित वेतन भुगतान करने का आदेश दिया है।

ज्ञात हो कि लक्ष्मी सिंह का स्थानांतरण वाराणसी से कौशाम्बी कर दिया गया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। 08 जुलाई 2024 को कोर्ट ने याची को आबकारी आयुक्त को प्रत्यावेदन देने का निर्देश दिया था, जिसे विभाग ने खारिज कर दिया।

कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि विभाग ने अहंकार और दुर्भावना से प्रत्यावेदन खारिज करते हुए हमारे 08 जुलाई 2024 के आदेश के तीन दिन बाद ही याची कर्मचारी को 11 जुलाई 2024 को एक आरोप-पत्र डाक से भेज दिया। कोर्ट ने इस मामले पर स्पष्टीकरण के लिए आबकारी आयुक्त को 23 अगस्त को रिकॉर्ड के साथ तलब किया था।