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अब बिजली विभाग विल्डरों की नहीं चलेगी मनमानी, हर गलती पर देनी होगी पेनाल्टी

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लखनऊ, 14 सितम्बर (हि.स.)। सिंगल पॉइंट कनेक्शन में बिल्डरों द्वारा अनाप-शनाप वसूली पर अब प्रतिबंध लगने की संभावना है। विद्युत नियामक आयोग ने अब पहली गलती पर रुपये 5000 पेनाल्टी, दूसरी गलती पर रुपयाे10000 पेनाल्टी, तीसरी गलती पर रुपये 15000 पेनाल्टी के साथ सिंगल पॉइंट कनेक्शन व्यवस्था समाप्त कर दिया गया है। अब इसको मल्टी प्वाइंट में कन्वर्ट कर दिया जाएगा। इसके साथ ही सभी बिल्डरों को अपना ऑडिटेड अकाउंट भी सार्वजनिक करना होगा। अब कोई भी बिल्डर अथवा आवासीय समिति मेंटेनेंस चार्ज के नाम पर कनेक्शन नहीं काट सकती ।

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर उपभोक्ता हित में बिजली दर तय करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी बिजली दर में इस बार बिल्डरों पर कड़ा शिकंजा कसा गया है, जिसको लेकर उपभोक्ता परिषद लंबे समय से संघर्ष कर रहा था और हर सुनवाई में यह मुद्दा उठाया था। अभी भी पूरे उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर कुछ बिल्डर सिंगल प्वाइंट कनेक्शन लेकर स्वयं व्यवस्था देख रहे हैं। कुछ जगह एक फ्रेंचाइजी रूपी आवासीय वेलफेयर समिति बनाकर विद्युत नियामक आयोग द्वारा जो बिजली दर फिक्स चार्ज रुपया 110 व एनर्जी चार्ज रुपये 7 प्रति यूनिट तय किया गया है। उससे ज्यादा वसूली करते हैं उपभोक्ताओं को उसका कोई बिल भी नहीं देते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आज विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मिलकर उनसे उपभोक्ताओं के हित में बिजली दर तय करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया और साथ ही बिल्डरों पर लगाम लगाने के लिए उठाए गए कदम की सराहना की। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि अब आयोग इसकी सतत मॉनिटरिंग करके उपभोक्ताओं के लिए बनाई गई व्यवस्था को सुचारू रूप से लागू कराए, जिससे कंपनियों हीलाहवाली न कर पाए।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में अब जो व्यवस्था दी गई है। उसके अनुसार पावर कॉरपोरेशन एक ऑनलाइन पोर्टल बनाएगा, जिस पर बिल्डर अथवा वहां बनाई गई फ्रेंचाइजी रूपी आवासीय वेलफेयर समिति को सभी उपभोक्ताओं का अलग-अलग बिजली बिल जो उपभोक्ताओं को उनके ईमेल व्हाट्सएप अथवा इलेक्ट्रॉनिक मोड में भेजा गया है। उसे डालना होगा और साथ ही वहां के बिल्डर अथवा फ्रेंचाइजी जो आवासीय समिति के रूप में बनी है उसे अपना मैंडेटरी आडिट अकाउंट जिसमें पूरा लेखा-जोखा हो को भी डालना होगा। ऐसा न करने पर बिल्डर अथवा उसके द्वारा बनाई गई आवासीय समिति रूपी फ्रेंचाइजी को पहली गलती के लिए 5000 पेनल्टी दूसरी गलती के लिए 10000 पेनल्टी और तीसरी गलती के लिए 15000 पेनल्टी के साथ ही उसका सिंगल प्वाइंट कनेक्शन का अधिकार लेकर उसे मल्टी पॉइंट व्यवस्था में परिवर्तित कर दिया जाएगा। साथ ही विद्युत नियामक आयोग ने यह भी कहा है कि सभी ऐसे बिल्डर अथवा फ्रेंचाइजी रूपी आवासीय समिति को वहां पर जो जनरेटर व डीजी सेट लगे होंगे उसका बिल अलग से उपभोक्ताओं को देना होगा और साथी मेंटेनेंस चार्ज का भी बिल अलग से देना होगा।