विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एमपॉक्स प्रकोप पर चर्चा के लिए एक आपातकालीन समिति की बैठक निर्धारित की है। अब तक कुल 116 लोग एमपीओएक्स की जद में आ चुके हैं। साल-2022 में ये बीमारी सामने आई। जो ख़त्म होने की बजाय बढ़ती ही जा रही है. हाल ही में वैश्विक स्तर पर मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। पश्चिम, मध्य और पूर्वी अफ़्रीकी देशों में ये ज़्यादा फैल रहा है. साथ ही अमेरिका और यूरोप में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं.
यह महामारी कई देशों में फैली
हाल के दिनों में कोरोना वायरस की तरह सभी अफ्रीकी देशों में एमपॉक्स का प्रकोप देखा गया है। सबसे ज्यादा असर डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में देखने को मिला है. इसके साथ ही अमेरिका ने इस मदद के लिए 17 मिलियन डॉलर दिए हैं. इससे मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसे देखते हुए अफ्रीकी संघ ने सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा कर दी है.
कितने लोग प्रभावित हुए
इस वर्ष अफ़्रीका में कण्ठमाला के 15,000 से अधिक मामले सामने आए हैं। इस तरह अब तक कुल 461 मौतें हो चुकी हैं। इसमें 18 देशों के मामले शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अफ्रीकी महाद्वीप को 1 करोड़ से ज्यादा टीकों की जरूरत है, जबकि उनके पास सिर्फ दो लाख टीके हैं। एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक, अब वैक्सीन की खुराक बढ़ाने पर तेजी से काम किया जाएगा। इसे दूसरे देशों के लिए चेतावनी कहा जाता है. इसके अलावा अधिकारी ने आगे कहा कि इस स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा कोई औपचारिकता नहीं है, बल्कि इस घातक बीमारी को रोकने और खत्म करने के हमारे प्रयासों में और अधिक आक्रामक होने की जरूरत है.