गाजियाबाद, 16 अक्टूबर (हि.स.)।केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के 92 उपनिरीक्षकों (28वें बैच) का अलंकरण समारोह बुधवार को सीबीआई अकादमी में आयोजित किया गया। सीबीआई के निदेशक प्रवीण सूद अलंकरण समारोह के मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर सीबीआई निदेशक प्रवीण ने युवा अधिकारियों से संगठनात्मक हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लगन से काम करने का आह्वान किया।
प्रवीण सूद ने सीबीआई अकादमी द्वारा पेश किए गए आधुनिक और नए युग के जांच उपकरणों सहित जांच के विभिन्न पहलुओं को कवर करने वाले प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने पर युवा अधिकारियों और उनके परिवारों को बधाई दी। उन्होंने युवा अधिकारियों के कौशल को निखारने की दिशा में कड़ी मेहनत करने के लिए सीबीआई अकादमी के अधिकारियों और कर्मचारियों की भी सराहना की। विभिन्न क्षेत्रों से आए अधिकारियों की संरचना का उल्लेख करते हुए श्री सूद ने संतोष व्यक्त किया कि महिला अधिकारी तेजी से सीबीआई में शामिल हो रही हैं, जिसे उन्होंने स्वागत योग्य संकेत बताया।
श्री सूद ने अधिकारियों से कहा कि वे अकादमी में सीखे गए कौशल का सर्वोत्तम उपयोग करते हुए अपनी सर्वश्रेष्ठ सेवाएं प्रदान करें, ताकि सीबीआई के प्रमुख जांच एजेंसी के रूप में संगठनात्मक लक्ष्य को पूरा किया जा सके। उन्होंने जोर दिया कि यह उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अधिकारियों की असली सीख अब शुरू होती है, क्योंकि वे जांच, अभियोजन आदि के लिए अपनी तैनाती के दौरान वास्तविक कार्य में लग जाते हैं, जो कौशल को और निखारने के लिए अपार अवसर प्रदान करता है। श्री सूद ने अधिकारियों को सलाह दी कि वे अनुभवों से सीखते रहें और चुनौतियों या असफलताओं से कभी निराश न हों, क्योंकि इससे किसी के ज्ञान और विशेषज्ञता को बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
सीबीआई निदेशक ने आगे जोर दिया कि सीबीआई आंतरिक रूप से अच्छे काम की सराहना के लिए अपार अवसर प्रदान करती है और उन्हें सलाह दी कि वे सोशल मीडिया जैसे बाहरी प्लेटफार्मों के माध्यम से प्रशंसा की तलाश न करें। उन्होंने अधिकारियों से उद्योग, निष्पक्षता और ईमानदारी के सीबीआई आदर्श वाक्य से हर समय प्रेरणा लेने को कहा। सीबीआई के डीएनए में ईमानदारी और निष्पक्षता के बारे में बात करते हुए श्री सूद ने जोर दिया कि अधिकारियों को बाहरी प्रभावों से अछूता रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों और उनके परिवारों को भारत में कहीं भी सेवा करने के लिए तैयार रहना चाहिए। स्मार्ट वर्क का आह्वान करते हुए, सीबीआई निदेशक ने रेखांकित किया कि कड़ी मेहनत का अर्थ है कम से कम प्रयासों के साथ वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए कौशल का उत्पादक रूप से उपयोग करना। उन्होंने अधिकारियों को अपने परिवारों की अनदेखी किए बिना स्वस्थ कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखने की सलाह दी।
समारोह के दौरान, सीबीआई निदेशक ने प्रशिक्षुओं को पदक और ट्रॉफी वितरित की। श्री श्रीवत्सन वी को “सर्वश्रेष्ठ ऑल-राउंड एसआई प्रशिक्षु के लिए डीपी कोहली पुरस्कार” और “इंडोर स्टडीज के लिए डीसीबीआई ट्रॉफी” से सम्मानित किया गया। सुश्री राज किरण को “साइबर अपराध जांच के लिए ट्रॉफी” से सम्मानित किया गया। विमल सिंह अधिकारी को “सर्वश्रेष्ठ आउटडोर के लिए जॉन लोबो ट्रॉफी” के लिए चुना गया और सुश्री मेघा पाराशर को “समर्पण और अनुकरणीय आचरण के लिए सीबीआई अकादमी ट्रॉफी” मिली।
युवा सीबीआई अधिकारियों ने 8 महीने का कठिन, परिश्रमी और मेहनती प्रशिक्षण लिया, जो एसएससी (संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा) और एलडीसीई के माध्यम से चुने जाने के बाद 12 फरवरी, 2024 को अपने बुनियादी प्रशिक्षण के लिए सीबीआई अकादमी, गाजियाबाद में शामिल हुए थे। कैडेटों को कानून और जांच कौशल, भ्रष्टाचार विरोधी मामलों की जांच, विभिन्न प्रकार के पारंपरिक अपराधों, खुफिया जानकारी एकत्र करने, आर्थिक अपराध, साइबर अपराध मामले, बैंक धोखाधड़ी के मामले, मोबाइल फोरेंसिक, फोरेंसिक और वैज्ञानिक उपकरण आदि में प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के संग्रह, पॉलीग्राफ, ब्रेन मैपिंग, नार्को-विश्लेषण, डीएनए फिंगरप्रिंटिंग आदि जैसे जांच के लिए वैज्ञानिक सहायता में कौशल को मजबूत करना भी शामिल था। पाठ्यक्रम का उद्देश्य प्रशिक्षुओं में पेशेवर ईमानदारी और ईमानदारी, मानवाधिकारों के प्रति सम्मान और अनुशासन की भावना के उच्चतम मानकों को विकसित करना भी था। प्रशिक्षु अधिकारियों को जिला पुलिस इकाइयों (शहरी एवं ग्रामीण) के माध्यम से जमीनी स्तर का अनुभव प्रदान किया गया तथा एनएफएसयू, आईबी, सेबी, एसएफआईओ और एक राष्ट्रीयकृत बैंक का दौरा कराया गया तथा उन्हें विधि अधिकारियों के साथ भी जोड़ा गया। समारोह में सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों में श्रीमती संपत मीना, अतिरिक्त निदेशक; मनोज शशिधर, अतिरिक्त निदेशक; एन वेणुगोपाल, अतिरिक्त निदेशक; एवाईवी कृष्णा, अतिरिक्त निदेशक, डॉ. पद्मिनी सिंह, अभियोजन निदेशक सहित अन्य विभागों और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए।