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अधिकारियों को “माननीय“ कह कर सम्बोधित करने पर हाईकोर्ट ने उठाया सवाल

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प्रयागराज, 26 सितम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रशासनिक अधिकारियों के सम्बोधन में माननीय (ऑनरेबल) जैसे विशेषण का उपयोग करने पर सवाल उठाया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि अधिकारियों को उनके नाम अथवा पद नाम से पूर्व ‘माननीय’ जैसे विशेषण लगाकर सम्बोधित करने का कोई प्रोटोकॉल हो तो उसकी जानकारी न्यायालय को दी जाए।

इटावा के कृष्ण गोपाल राठौर की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने प्रमुख सचिव राजस्व से इस बारे में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायालय के संज्ञान में आया की कलेक्टर इटावा ने मंडलीय कमिश्नर कानपुर डिविजन को लिखे एक आधिकारिक पत्र में माननीय (ऑनरेबल) कमिश्नर लिख कर सम्बोधित किया।

कोर्ट ने कहा कि सरकारी पत्राचार में राज्य के अधिकारियों के सम्बोधन में ऐसा लगातार किया जा रहा है। जबकि यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा कोई प्रोटोकॉल है या नहीं। कोर्ट ने कहा कि माननीय जैसे विशेषण का उपयोग निश्चित रूप से मंत्रियों और अन्य संप्रभु कार्यकारियों के साथ किया जाता है। मगर यह पता नहीं है कि यह सरकार की सेवा कर रहे सचिवों के लिए उचित है या नहीं। कोर्ट ने प्रमुख सचिव राजस्व को 1 अक्टूबर तक इस पर हलफनामा दाखिल कर जानकारी देने का निर्देश दिया है।