बिहार के समस्तीपुर में एक अनोखी और प्रेरणादायक शादी देखने को मिली, जब सदर अस्पताल में HIV पॉजिटिव युवक और युवती का विवाह संपन्न हुआ। इस शादी ने न केवल इन दोनों के जीवन में खुशी लाई, बल्कि समाज के प्रति एक मजबूत संदेश भी दिया। इस खास मौके पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और डॉक्टर भी मौजूद रहे।
सदर अस्पताल में HIV पॉजिटिव जोड़े का विवाह
इस शादी का आयोजन सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. गिरीश कुमार ने किया। इस विवाह को सफल बनाने में एआरटी सेंटर के काउंसलर विजय मंडल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विजय मंडल ने न केवल लड़की का कन्यादान किया, बल्कि नवदंपति को गृहस्थी की शुरुआत के लिए रसोई के बर्तन, कपड़े, बिस्तर और अन्य आवश्यक सामान भी प्रदान किए।
लड़की अनाथ, लड़का समस्तीपुर का निवासी
एचआईवी पॉजिटिव युवती, जो अनाथ है, दरभंगा के एआरटी सेंटर से अपनी दवाएं लेती है। वहीं, युवक समस्तीपुर के एआरटी सेंटर से दवा लेता है। डॉक्टरों ने बताया कि दोनों मरीजों का वायरल लोड नियंत्रित है, जिससे वे सामान्य और सुखी वैवाहिक जीवन बिता सकते हैं।
कोर्ट मैरिज से मंदिर तक का सफर
शादी की प्रक्रिया में सबसे पहले दोनों की कोर्ट मैरिज कराई गई। इसके बाद, हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार मंदिर में उनका विवाह संपन्न हुआ। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. एस. के. चौधरी, डॉ. गिरीश कुमार, और डॉ. मेराज आलम मौजूद थे। विवाह के दौरान वर-वधू ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई और सभी से आशीर्वाद लिया।
सिविल सर्जन का बयान: समाज को बदलने की जरूरत
सिविल सर्जन डॉ. एस. के. चौधरी ने कहा, “दोनों HIV पॉजिटिव हैं। समाज में अक्सर ऐसे लोगों का बहिष्कार किया जाता है, लेकिन यह छुआछूत की बीमारी नहीं है। सरकार और जागरूकता अभियानों के माध्यम से अब लोगों की सोच बदल रही है।” उन्होंने इस शादी को समाज के लिए एक संदेश बताया कि HIV पॉजिटिव लोग भी सामान्य जीवन जीने और खुश रहने का अधिकार रखते हैं।
समाज के लिए एक प्रेरणा
यह शादी न केवल इन दोनों के लिए एक नई शुरुआत है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक प्रेरणा है। यह संदेश देती है कि HIV पॉजिटिव लोग भी हमारी तरह सामान्य जीवन जीने के हकदार हैं। एड्स के बारे में जागरूकता और समझ को बढ़ावा देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।