भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वॉयस कॉल और एसएमएस के जरिए बढ़ती वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों का उद्देश्य मोबाइल नंबरों के दुरुपयोग को रोकते हुए भारत के डिजिटल वित्तीय तंत्र को सुरक्षित बनाना है। सभी रेगुलेटेड एंटिटीज (REs) को 31 मार्च 2025 तक इन सुरक्षा उपायों को लागू करना होगा।
क्या हैं RBI के नए दिशा-निर्देश?
1. मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (MNRL) का उपयोग
RBI ने निर्देश दिया है कि:
- बैंक, एनबीएफसी और पेमेंट एग्रीगेटर्स बंद हो चुके या अवैध मोबाइल नंबरों को MNRL के जरिए ट्रैक करें।
- इन नंबरों से जुड़े खातों की निगरानी करें ताकि धोखाधड़ी को रोका जा सके।
2. ग्राहकों को जागरूक करना
- ग्राहकों को इन नए नियमों की जानकारी ईमेल, एसएमएस, और क्षेत्रीय भाषाओं में दी जाएगी।
- यह जागरूकता अभियान धोखाधड़ी के संभावित खतरों को कम करने में मदद करेगा।
नए नियम: कॉल और मैसेज का स्वरूप बदलेगा
1. 140/160 नंबरिंग सीरीज
अब बैंकों, स्टॉक ब्रोकर्स, और अन्य फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस को:
- सर्विस और ट्रांजैक्शनल मैसेज के लिए ‘1600xx’ सीरीज का उपयोग करना होगा।
- प्रमोशनल कॉल्स के लिए ‘140xx’ सीरीज का उपयोग अनिवार्य होगा।
इससे ग्राहकों को यह पहचानने में आसानी होगी कि कॉल या मैसेज किसी रजिस्टर्ड एंटिटी से आया है या नहीं।
कस्टमर केयर नंबर की अनिवार्य रजिस्ट्रेशन
1. DoT के संचार साथी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन
सभी एंटिटीज को अपने कस्टमर केयर नंबर को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस (DoT) के पोर्टल पर रजिस्टर कराना होगा।
- यह कदम ग्राहकों को फर्जी नंबरों की पहचान करने में मदद करेगा।
- इससे पारदर्शिता और सुरक्षा दोनों बढ़ेगी।
2. टेम्पलेट-आधारित कम्युनिकेशन
सभी एंटिटीज को:
- ट्राई (TRAI) के डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
- एसएमएस और कॉल के लिए पूर्व-निर्धारित टेम्पलेट्स का उपयोग करना होगा।
3. ग्राहकों से डिजिटल सहमति आवश्यक
प्रचार संदेश भेजने से पहले ग्राहकों से डिजिटल सहमति लेना अनिवार्य होगा।
- इसका उद्देश्य अनचाहे कम्युनिकेशन को रोकना और टेलीमार्केटर्स पर निगरानी रखना है।
सुरक्षा उल्लंघन पर जानकारी देना अनिवार्य
- सभी एंटिटीज को अपने सिस्टम में किसी भी सिक्योरिटी ब्रीच की रिपोर्ट तुरंत देनी होगी।
- इससे धोखाधड़ी पर तेजी से काबू पाने में मदद मिलेगी।
RBI और TRAI का प्रयास: डिजिटल वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करना
RBI और ट्राई ने यह कदम डिजिटल लेन-देन में बढ़ते खतरों को ध्यान में रखकर उठाया है।
- इन दिशा-निर्देशों से मोबाइल नंबरों के गलत उपयोग और फर्जी गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
- भारत का डिजिटल फाइनेंशियल इकोसिस्टम अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बनेगा।