प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बड़ी संख्या में बाबाओं और साधु-संतों ने भाग लिया है। इनमें से कई बाबाएं सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। एक ऐसे ही बाबा हैं अभय सिंह, जो आईआईटी मुंबई के पूर्व छात्र हैं और महाकुंभ में अपनी उपस्थिति के कारण “आईआईटियन बाबा” के नाम से जाने जा रहे हैं। हालांकि, जूना अखाड़ा इस मुद्दे पर नाखुश है और अभय सिंह को “मवाली” और “आवारा” करार दिया है। अखाड़े का दावा है कि उन्होंने अभय सिंह को मारकर भगा दिया।
जूना अखाड़े के सचिव महंत डॉ. करणपुरी महाराज ने एनडीटीवी से बातचीत करते हुए कहा, “वह एक मवाली और आवारा आदमी था, साधु नहीं। वह जगह-जगह रुककर खाना खाता था और टीवी पर बेतुकी बातें करता था। वह गलत स्वभाव का व्यक्ति था, इसलिए हमने उसे मारकर भगा दिया। वह अखाड़े में बिना किसी गुरु के आया था और सिर्फ नाम सुनकर घूम रहा था।”
महाराज ने यह भी कहा कि अभय सिंह खाने-पीने के बाद वहां से चला जाता था और उसे सभी ने पहचान लिया था, जिसके बाद उसे अपने पास नहीं आने दिया गया।
जूना अखाड़े का दावा है कि उसने आईआईटियन बाबा को निष्कासित कर दिया है, और इसके प्रमुख ने उन पर अनुशासनहीनता और गुरु के बारे में गलत बातें कहने का आरोप लगाया है। अखाड़े ने स्पष्ट किया कि जब तक अभय सिंह गुरु का सम्मान करना नहीं सीखेंगे, तब तक उन्हें अखाड़े में प्रवेश नहीं मिलेगा।
हालांकि, अभय सिंह का कहना है कि वह किसी भी अखाड़े से नहीं जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पहली मुलाकात वाराणसी में जूना अखाड़े के सोमेश्वर पुरी जी महाराज से हुई थी, जिन्होंने उन्हें महाकुंभ में आने के लिए प्रेरित किया। पिछले कुछ दिनों में महाकुंभ में कई बाबा सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हैं, और अभय सिंह भी उनमें से एक हैं।