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अभय सिंह पर क्या है दावा?, वायरल दावे की सच्चाई क्या है?

Fact Check Mahakumbh 2025 Iit Mu

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में लाखों भक्त हर दिन संगम में डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। यह मान्यता है कि संगम में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। डेढ़ महीने तक चलने वाले इस महाकुंभ में बड़ी संख्या में साधु-संत भी शामिल हो रहे हैं, जिनमें से कुछ वायरल हो रहे हैं। आईआईटी मुंबई से पढ़े अभय सिंह भी बाबा के रूप में महाकुंभ में पहुंचे हैं और सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए हैं। उनके वीडियोज़ को लाखों लोग देख रहे हैं, जिनमें कुछ उनकी तारीफ कर रहे हैं, जबकि कुछ उनके खिलाफ भी बोल रहे हैं। कई पोस्ट्स सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनमें यह दावा किया जा रहा है कि अभय सिंह असल में जासूसी के आरोप में दोषी रहे पूर्व ब्रह्मोस इंजीनियर हैं, जो महाकुंभ में छिपकर आ पहुंचे हैं।

अभय सिंह पर क्या है दावा?

फेसबुक और एक्स पर कुछ पोस्ट्स में कहा गया है कि आईआईटी वाले बाबा का असली नाम निशांत अग्रवाल है, जो पहले आईआईटी रोपड़ के छात्र थे और बाद में ब्रह्मोस में इंजीनियर बने। दावा है कि उन्हें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ा गया और उम्रकैद की सजा सुनाई गई। सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ कई मीडिया रिपोर्ट्स के लिंक भी शेयर किए गए हैं। कई लोग इसे सच मान रहे हैं और कह रहे हैं कि महाकुंभ में जो बाबा के वीडियोज़ वायरल हो रहे हैं, वह वही निशांत अग्रवाल हैं। लेकिन इसका सच कुछ और है।

वायरल दावे की सच्चाई क्या है?

सोशल मीडिया पर आईआईटी मुंबई के अभय सिंह (महाकुंभ वाले बाबा) और आईआईटी रोपड़ से पढ़े हुए निशांत अग्रवाल के बीच कनेक्शन बनाने की कोशिश की जा रही है। कई पोस्ट्स में यह दावा किया गया कि बाबा का पुराना नाम निशांत अग्रवाल है, लेकिन जब हमने इस दावे की जांच की, तो यह पूरी तरह से गलत साबित हुआ। अभय सिंह, जो महाकुंभ में बाबा के रूप में दिखाई दे रहे हैं, हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले हैं और उन्होंने आईआईटी मुंबई से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की है। वहीं निशांत अग्रवाल एक अलग व्यक्ति है, जिन्होंने आईआईटी रोपड़ से पढ़ाई की और बाद में ब्रह्मोस से जुड़ी जानकारी आईएसआई तक पहुंचाने के मामले में दोषी पाए गए। निशांत को उम्रकैद की सजा मिली थी।

इसलिए, सोशल मीडिया पर जो दावा किया जा रहा है कि महाकुंभ में वायरल हो रहे बाबा और जासूसी के आरोप में दोषी ठहराए गए निशांत अग्रवाल एक ही व्यक्ति हैं, वह पूरी तरह से झूठा है। अभय सिंह और निशांत अग्रवाल दो अलग-अलग लोग हैं, जिनका एक-दूसरे से कोई संबंध नहीं है।