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महाकुंभ 2025 में खोए हुए लोगों को ढूंढने की प्रक्रिया

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प्रयागराज में 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ 2025 के दौरान लाखों लोग संगम में डुबकी लगाने आ रहे हैं। इस दौरान रोज़ाना सैकड़ों लोग अपने परिवार से बिछड़ जाते हैं, और इन खोए हुए लोगों को उनके परिजनों से मिलाना एक चुनौती बन जाता है। इस समस्या को हल करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) टेक्नोलॉजी का सहारा लिया है, ताकि खोए हुए लोगों को उनके अपनों से मिलाना आसान हो सके। आइए जानते हैं कि कैसे AI महाकुंभ मेला में खोए हुए लोगों को खोजने में मदद कर रहा है।

सरकार ने इस आयोजन के लिए AI चैटबॉट ‘Kumbh Sah’AI’yak’ लॉन्च किया है। यह चैटबॉट यूजर्स को महाकुंभ से जुड़ी रियल-टाइम जानकारी और अपडेट्स देता है, साथ ही खोए हुए लोगों को खोजने में भी मदद करता है। यह पर्सनल असिस्टेंट के रूप में कार्य करता है और मेला क्षेत्र में नेविगेशन सपोर्ट भी प्रदान करता है। इससे खोए हुए लोगों को ढूंढने की प्रक्रिया सरल हो गई है।

खोए हुए लोगों को ढूंढने की प्रक्रिया

  1. खोए हुए व्यक्ति की रिपोर्ट करना: Sah’AI’yak चैटबॉट या मेला हेल्पलाइन 1920 पर कॉल कर किसी खोए हुए व्यक्ति की सूचना दी जाती है। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति खो जाता है, तो नजदीकी पुलिसकर्मी की मदद से उसे भूले-भटके केंद्र तक भेजा जाता है।
  2. डिजिटल भूले-भटके केंद्र और AI सर्विलांस: मेला क्षेत्र में 12 डिजिटल खोया-पाया केंद्र और 2700 AI-पावर्ड कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे खोए हुए लोगों के चेहरों की पहचान कर सकते हैं। AI तकनीकी सहायता से खोए हुए लोगों की फोटो सोशल मीडिया के माध्यम से वेरिफाई की जा सकती है, और फिर सर्विलांस और ट्रैकिंग के जरिए उनकी पहचान की जाती है। लगातार घोषणाओं के जरिए खोए हुए व्यक्ति और उनके परिवार को आसानी से आपस में मिलाने की प्रक्रिया तेज होती है।
  3. जानकारी का लेन-देन और वापसी: भाषा की समस्या को सुलझाने के लिए Sah’AI’yak चैटबॉट को 11 भाषाओं का समर्थन दिया गया है, जिससे वह जानकारी का सही तरीके से आदान-प्रदान कर सकता है और संवाद में कोई अड़चन नहीं आती। यह चैटबॉट तुरंत हिन्दी और अंग्रेजी में अनुवाद करता है, जिससे प्रक्रिया में कोई भी विघ्न नहीं आता।

इस तकनीकी मदद के चलते खोए हुए लोगों को उनके परिवार से मिलाने में समय की बचत होती है और इस पूरे फ्रेमवर्क से AI की मदद से खोज प्रक्रिया को तेज किया गया है।