बाजरे की रोटी: बदलती जीवनशैली और असंतुलित खान-पान के कारण यूरिक एसिड बढ़ना एक समस्या है। अगर यूरिक एसिड बढ़ जाए तो यह जोड़ों के दर्द और शरीर में अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। अगर कोई यूरिक एसिड की समस्या से पीड़ित है तो उसे डाइट में गेहूं के आटे की रोटी की जगह बाजरे के आटे की रोटी को शामिल करना चाहिए। यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के अलावा बाजरे की रोटी के अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हैं।
बाजरा एक प्राचीन अनाज है जो फाइबर, मैग्नीशियम, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है। बाजरा पाचन तंत्र को मजबूत बनाने का काम करता है और शरीर से अशुद्धियों को बाहर निकालने में मदद करता है। बाजरा में प्यूरीन की मात्रा कम होती है जो इसे यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए एक आदर्श विकल्प बनाता है।
बाजरे की रोटी और यूरिक एसिड
गेहूं या अन्य अनाज की रोटी की तुलना में बाजरे की रोटी खाना फायदेमंद होता है क्योंकि यह शरीर में यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद करती है। बाजरे की रोटी में मौजूद फाइबर शरीर से अतिरिक्त यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद करता है। यह किडनी को अच्छे से काम करने में मदद करता है जिससे यूरिक एसिड को शरीर से आसानी से बाहर निकाला जा सकता है।
बाजरे की रोटी कैसे बनाये?
बाजरे की रोटी बनाना मुश्किल लगता है लेकिन अगर आप इस तरह रोटी बनाएंगे तो यह आसान हो जाएगी. इसके लिए सबसे पहले बाजरे के आटे में गुनगुना पानी डालकर आटा गूंथ लीजिए. इस आटे को 10 मिनिट के लिये रख दीजिये, इससे रोटियां बनाने में आसानी होगी. इस रोटी को किसी भी सब्जी के साथ खाया जा सकता है.
बाजरे की रोटी के अन्य फायदे
बाजरे की रोटी न केवल यूरिक एसिड को नियंत्रित करती है बल्कि वजन घटाने, मधुमेह नियंत्रण और हृदय रोगों से बचाने में भी मदद करती है। बाजरे की रोटी खाने से आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगती है.