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षटतिला एकादशी 2025: महत्व, तिथि और पूजा विधि

Aja Ekadashi 2024 Kab Hai 172473

जनवरी के महीने में आने वाली दूसरी एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष, षटतिला एकादशी 25 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधिपूर्वक की जाएगी, और इस अवसर पर उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से यह दिन महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि षटतिला एकादशी का व्रत रखने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

षटतिला एकादशी की तिथि

  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 24 जनवरी 2025, 07:25 PM
  • एकादशी तिथि समाप्त: 25 जनवरी 2025, 08:31 PM
  • पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय: 08:54 PM

पूजा विधि

इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधियों का पालन करें:

  1. स्नान और सफाई: स्नान करने के बाद मंदिर की सफाई करें।
  2. जलाभिषेक: भगवान श्री हरि विष्णु का जलाभिषेक करें।
  3. पंचामृत अभिषेक: प्रभु को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं।
  4. पीला चंदन और पुष्प: भगवान को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें।
  5. दीप जलाना: मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें।
  6. व्रत का संकल्प: संभव हो तो व्रत रखें और उसका संकल्प लें।
  7. व्रत कथा: षटतिला एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें।
  8. मंत्र जाप: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।
  9. आरती: भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी जी की आरती श्रद्धापूर्वक करें।
  10. भोग अर्पित करें: प्रभु को तुलसी दल सहित भोग अर्पित करें।
  11. क्षमा प्रार्थना: अंत में क्षमा प्रार्थना करें।

इस प्रकार, षटतिला एकादशी का दिन भगवान विष्णु की उपासना का विशेष अवसर है। इस दिन की गई पूजा से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है।