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बेंगलुरु AI इंजीनियर आत्महत्या मामला: निकिता सिंघानिया की याचिका खारिज, एफआईआर पर हाई कोर्ट का सख्त रुख

Atul Subhash And Nikita Singhani

बेंगलुरु के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज कर दी। बता दें कि अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर 2024 को अपनी पत्नी पर तलाक के लिए ₹3 करोड़ की मांग और प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली थी।

हाई कोर्ट: “जांच से क्यों डर रही हैं?”

कर्नाटक हाई कोर्ट की एकल पीठ, जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति एसआर कृष्ण कुमार ने की, ने निकिता सिंघानिया की याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने एफआईआर को रद्द करने से इनकार करते हुए कहा, “एफआईआर में आत्महत्या के लिए उकसाने के पर्याप्त आधार हैं। ऐसे में जांच क्यों नहीं होनी चाहिए?”

कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि एफआईआर में दर्ज प्राथमिक तथ्यों के आधार पर अपराध स्पष्ट है। पीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा, “हम और क्या देख सकते हैं?”

निकिता के वकील का तर्क

निकिता के वकील ने एफआईआर को रद्द करने का अनुरोध करते हुए दलील दी कि शिकायत में आत्महत्या के लिए उकसाने का कोई ठोस आधार नहीं है। वकील ने यह भी कहा कि अतुल सुभाष ने किसी ऐसे कृत्य का उल्लेख नहीं किया है जो निकिता या उनके परिवार द्वारा उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर करता हो।

जमानत पर हैं निकिता और परिवार

इससे पहले, 4 जनवरी 2025 को बेंगलुरु की एक अदालत ने निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को जमानत दे दी थी। तीनों आरोपी अदालत के सामने पेश हुए थे और उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में राहत दी गई थी।