बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गहमागहमी तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने हाल ही में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कहकर स्पष्ट रुख दिखाया था। लेकिन शनिवार को दिए गए ताजे बयान में उन्होंने इस मुद्दे को केंद्रीय नेतृत्व का मामला बताते हुए अपना रुख बदल लिया।
दिलीप जायसवाल का नया बयान
शनिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिलीप जायसवाल ने कहा,
“हम तो छोटे कद के नेता हैं। यह फैसला केंद्रीय नेतृत्व के स्तर पर लिया जाएगा। हमारा काम संगठन को मजबूत करना, चुनाव की तैयारी करना और पार्टी की रणनीतियों को जमीन पर लागू करना है।”
उन्होंने यह भी बताया कि शुक्रवार को एनडीए के घटक दलों के प्रदेश अध्यक्षों की बैठक हुई थी, जिसमें आगामी कार्यकर्ता सम्मेलनों पर चर्चा की गई, लेकिन नेतृत्व के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई।
अमित शाह के बयान से मेल खाता रुख
दिलीप जायसवाल का यह बदला हुआ बयान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हालिया बयान से मेल खाता है। अमित शाह ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा था कि बिहार विधानसभा चुनावों में नेतृत्व को लेकर फैसला भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा था कि जेडीयू (जदयू) से बातचीत के बाद ही नेतृत्व का नाम तय किया जाएगा।
नेतृत्व को लेकर असमंजस
भाजपा के नेताओं ने पहले कई मौकों पर कहा था कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। लेकिन अब उनके बदलते बयानों से असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
एनडीए की बैठक और आगामी रणनीति
शुक्रवार को बिहार एनडीए के घटक दलों की बैठक आयोजित हुई, जिसमें आगामी 15 जनवरी से शुरू होने वाले एनडीए के जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन की तैयारी पर गहन चर्चा की गई। यह सम्मेलन पांच चरणों में आयोजित होगा और 25 फरवरी तक चलेगा।
बैठक में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, हम (से) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार, लोजपा (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
15 जनवरी से शुरू होंगी संयुक्त बैठकें
एनडीए ने यह तय किया है कि 15 जनवरी 2025 से सभी जिलों में संयुक्त कार्यकर्ता बैठकें आयोजित होंगी।
- पहला चरण: 15-22 जनवरी तक 10 जिलों की बैठकें।
- बैठक का उद्देश्य: कार्यकर्ताओं को संगठित करना, रणनीतियों पर चर्चा करना और एनडीए के एजेंडे को आगे बढ़ाना।
नीतीश कुमार की भूमिका पर सवाल
नीतीश कुमार की भूमिका पर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। एनडीए घटक दलों के भीतर यह चर्चा तेज है कि क्या आगामी चुनावों में नीतीश कुमार एनडीए के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।