कुवैत और भारत के बीच संबंध व्यापार तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर आधारित हैं। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा इन्हीं संबंधों को और प्रगाढ़ करने का प्रयास है. पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल में मुस्लिम देशों के साथ भारत के संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत रवाना हो गए हैं. इस यात्रा को दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी कुवैत के अमीर, क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे. उनकी यात्रा का एक अन्य महत्वपूर्ण हिस्सा भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करना और अरेबियन गल्फ कप के उद्घाटन समारोह में भाग लेना है।
कुवैत जाने का महत्व
कुवैत और भारत के बीच संबंध व्यापार तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर आधारित हैं। कुवैत दस लाख भारतीयों का घर है, जो इसकी अर्थव्यवस्था और समाज का अभिन्न अंग हैं। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा इन्हीं संबंधों को और प्रगाढ़ करने का प्रयास है.
अपने दौरे से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज और कल मैं कुवैत का दौरा करूंगा. यह यात्रा भारत और कुवैत के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करेगी। मैं कुवैत के अमीर, क्राउन प्रिंस और प्रधान मंत्री से मिलने के लिए उत्सुक हूं। आज शाम मैं भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करूंगा और अरेबियन गल्फ कप के उद्घाटन समारोह में भी भाग लूंगा।
क्यों खास हैं मोदी के मुस्लिम देशों के दौरे?
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल में मुस्लिम देशों के साथ भारत के संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर और अब कुवैत जैसे खाड़ी देशों के साथ इसके संबंधों ने भारत को राजनयिक, आर्थिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से कई फायदे दिए हैं।
1. ऊर्जा सहयोग: भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का एक बड़ा हिस्सा खाड़ी देशों से आयात करता है। इस कड़ी में कुवैत एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
2. एनआरआई का कल्याण: करोड़ों भारतीय खाड़ी देशों में काम करते हैं और इन देशों के साथ अच्छे संबंध उनकी सुरक्षा और अधिकारों को सुनिश्चित करने में मदद करते हैं।
3. व्यापार और निवेश: मोदी सरकार ने खाड़ी देशों से भारत में निवेश को बढ़ावा दिया है, जिससे देश की आर्थिक प्रगति में योगदान मिला है।
भारत को क्या फायदा होगा?
प्रधानमंत्री का यह दौरा महज औपचारिकता नहीं है, बल्कि इसके पीछे भारत-कुवैत संबंधों को नई दिशा देने की योजना है.
1. व्यापार संबंधों में वृद्धि: इस यात्रा से द्विपक्षीय व्यापार और मजबूत होगा।
2. ऊर्जा क्षेत्र सहयोग: कुवैत से तेल और गैस आयात को और सुव्यवस्थित करने पर चर्चा होगी।
3. भारतीय समुदाय का सशक्तिकरण: प्रधानमंत्री मोदी के संवाद से प्रवासी भारतीयों को प्रोत्साहन मिलेगा और उनके मुद्दों का समाधान प्राथमिकता पर होगा.
4. क्षेत्रीय शांति और स्थिरता: यह यात्रा खाड़ी क्षेत्र में भारत की राजनयिक उपस्थिति को और मजबूत करेगी।
आगे का रास्ता
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा न केवल भारत-कुवैत संबंधों के लिए बल्कि खाड़ी क्षेत्र में भारत की मजबूत उपस्थिति के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। यह यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ेगी और वैश्विक मंच पर भारत की कूटनीतिक ताकत को भी प्रदर्शित करेगी।