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होली 2025: तिथि, पूजा विधि और महत्व

Holi Ka Rang Kaise Chhudaye 1711

फाल्गुन मास में होली का त्योहार हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। यह रंगों का पर्व, जो साल में एक बार आता है, सभी को एकजुट करने और प्रेम बांटने का प्रतीक है। पंचांग के अनुसार, होली पूर्णिमा के दिन मनायी जाती है। इस वर्ष, होली का पर्व मार्च के महीने में मनाया जाएगा। मान्यता है कि होलिका दहन के दिन भगवान विष्णु ने भगवान नरसिम्हा का अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया और भगवान कृष्ण ने पूतना का वध किया। इसके बाद, सभी गोपियों ने इसी खुशी में कृष्ण जी के साथ रंगों की होली खेली थी।

2025 में होली कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल पूर्णिमा तिथि 14 मार्च 2025 को है। इसलिए, रंगों की होली 14 मार्च 2025 को मनाई जाएगी। वहीं, होलिका दहन बृहस्पतिवार के दिन, 13 मार्च 2025 को किया जाएगा।

पूजा मुहूर्त

  • होलिका दहन: 13 मार्च 2025, बृहस्पतिवार
  • फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 13 मार्च 2025 को रात 10:35 बजे
  • फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि समाप्त: 14 मार्च 2025 को दोपहर 12:23 बजे

होली के दिन पूजा विधि

  1. स्नान: पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
  2. जलाभिषेक: भगवान श्री हरि विष्णु समेत सभी देवी-देवताओं का जलाभिषेक करें।
  3. अभिषेक: विष्णु भगवान का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें।
  4. अर्पण: देवी-देवताओं को चंदन, धूप, फूल और फल अर्पित करें।
  5. अबीर अर्पित: देवी-देवताओं को अबीर अर्पित करें।
  6. दीपक प्रज्वलन: मंदिर में घी का दीपक जलाएं।
  7. आरती: पूरी श्रद्धा के साथ आरती करें।
  8. भोग: भगवान को भोग लगाएं।
  9. क्षमा प्रार्थना: अंत में क्षमा प्रार्थना जरूर करें।

इस प्रकार, होली का पर्व न केवल रंगों का उत्सव है, बल्कि यह भक्ति और श्रद्धा का भी प्रतीक है। सभी श्रद्धालुओं से निवेदन है कि वे इस अवसर पर एकजुट होकर प्रेम और भाईचारे का संदेश फैलाएं।