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संजय सिंह का बीजेपी पर आरोप: पत्नी का नाम वोटर लिस्ट से हटाने की साजिश

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आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी ने नई दिल्ली विधानसभा सीट से उनकी पत्नी का नाम वोटर लिस्ट से हटाने का आवेदन दिया है। इस मामले को लेकर बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सचदेवा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे संजय सिंह के परिवार का आपसी झगड़ा बताया है।

वीरेंद्र सचदेवा की प्रतिक्रिया

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने संजय सिंह के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, “भाभी जी का वोट बीजेपी क्यों कटवाएगी? संजय सिंह सम्मानित सांसद हैं, और भाभी जी आदरणीय हैं। लेकिन अगर भाभी जी का वोट कट रहा है, तो जरा आप उन दो महिलाओं के बारे में पता करें, जिन्होंने यह एप्लिकेशन दी है। उनके नाम मधु और सुरेश देवी हैं।”

सचदेवा ने जोर देकर कहा कि यह मामला संजय सिंह के परिवार का आंतरिक विवाद हो सकता है। उन्होंने कहा, “अब अपने गिरेबान में झांककर देखिए कि ये महिलाएं कौन हैं। अगर इनका आपसे कोई संबंध नहीं निकलता, तो जरूर बताइए।”

डिजिटल युग का हवाला

वीरेंद्र सचदेवा ने यह भी कहा कि आजकल डिजिटल युग में सभी चीजें चेक करना आसान है। उन्होंने सुझाव दिया कि संजय सिंह को यह जांच करनी चाहिए कि वोट हटाने का आवेदन वास्तव में किसने किया है। सचदेवा ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “एक बार भाभी जी से पूछिएगा कि ये मधु और सुरेश देवी कौन हैं।”

संजय सिंह का पलटवार

संजय सिंह ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “बीजेपी वालों, इस तरह से चुनावी घोटाला मत कीजिए। मैंने हाल ही में राज्यसभा में पूर्वांचली भाई-बहनों के वोट काटे जाने का मुद्दा उठाया था, और अब मेरी पत्नी का वोट हटाने की कोशिश की जा रही है। ऐसा सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि दो बार किया गया है।”

संजय सिंह ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को संबोधित करते हुए कहा, “नड्डा साहब, ऐसा काम मत कीजिए। यह लोकतंत्र के खिलाफ है।” उन्होंने इसे बीजेपी की रणनीति का हिस्सा बताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।

बीजेपी और आप के बीच आरोप-प्रत्यारोप

यह घटना आप और बीजेपी के बीच चल रही तीखी राजनीतिक खींचतान का नया अध्याय है। जहां संजय सिंह इसे बीजेपी की साजिश बता रहे हैं, वहीं बीजेपी इसे आपसी पारिवारिक विवाद के रूप में प्रस्तुत कर रही है।