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शिक्षा का लक्ष्य प्रत्येक नागरिक का कल्याण : प्रो. शशिकला वंजारी

प्रयागराज, 21 नवम्बर (हि.स.)। विश्व स्तर पर सभी देश विकसित होने का अनवरत प्रयास करते रहे हैं। भारत में आयोजित जी-20 सम्मेलन में देश के विकास से आशय आर्थिक विकास से अधिक मानव कल्याण पर बल दिया गया। यह मानव कल्याण शिक्षा के माध्यम से ही सम्भव है। प्रत्येक नागरिक के लिए लोक कल्याणकारी शिक्षा की आवश्यकता है, जिससे राष्ट्र तथा समाज का सर्वांगीण विकास हो सके।

उक्त विचार राष्ट्रीय शैक्षिक योजना और प्रशासन संस्थान (नीपा), नई दिल्ली की कुलपति प्रो. शशिकला वंजारी ने राज्य शैक्षिक प्रबन्धन और प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) प्रयागराज में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित तीन दिवसीय बैठक के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किया।

पूर्व कुलपति, नीपा एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त शिक्षाविद प्रो. एन.वी. वर्गीस ने कहा कि हमने आजादी के बाद से ही शैक्षिक विकास के प्रयास किये हैं। हमने पूर्व में इस बात पर बल दिया कि लोगों के लक्ष्य आधारित शैक्षिक विकास के साथ ही लैंगिक समानता के स्तर पर लक्ष्य आधारित विकास हो। पिछड़े प्रदेशों को शैक्षिक विकास में मदद हो तथा उन्हें बराबरी के स्तर पर शैक्षिक संस्थानों का विकास हो। परन्तु हमें आशातीत परिणाम प्राप्त नहीं हुये। अतः नई शिक्षानीति 2020 का निर्माण किया गया है। अब हम संसाधन विकास की अपेक्षा मानव विकास पर बल देने के लिये संकल्पित है। इसके लिये हमें नियोजन तथा संस्थानों की क्षमता के विकास पर बल देना होगा।

प्रो. के.बिस्वाल, विभागाध्यक्ष (शैक्षिक योजना), नीपा, नई दिल्ली ने कहा कि हमने शिक्षा विकास के लिये प्रशिक्षण पर बल दिया। हमने विदेशों से प्रशिक्षण प्राप्त किये, विदेशों से तकनीकी सहायता भी प्राप्त की। परन्तु अब समय बदल गया है और हमारी आवश्यकता भी बदल गई है। अतः हमें इस प्रकार के शैक्षिक विकास की आवश्यकता है जो स्थाई एवं सम्पोषणीय हो तथा सभी के हित में हो। हमें शैक्षिक नेतृत्व पर बल देने की आवश्यकता है जिससे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल हो सकें।

इसके पूर्व सीमैट, प्रयागराज के निदेशक दिनेश सिंह ने सभी का का स्वागत करते हुये कहा कि सीमैट प्रयागराज ने पिछले 25 वर्षों में राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर अपने उच्चकोटि के कार्य निष्पादन के कारण ख्याति प्राप्त की है। प्रशिक्षण नियोजन, शोध तथा नेटवर्किंग के क्षेत्र में हमारे पास पर्याप्त अनुभव है। सीमैट प्रयागराज अपने इन अनुभवों को अन्य राज्यों के साथ न केवल साझा करने के लिये उत्साहित है बल्कि मार्गदर्शन के लिये भी उत्सुक है। हम एक दूसरे के अनुभवों से सीख कर शिक्षा के क्षेत्र में कल्याकारी कार्य कर सकते हैं। इस दौरान नीपा से डॉ सुमन नेगी, डॉ के. मोहन्ती भी अपने विचार व्यक्त किये।

सीमैट प्रयागराज के प्रभात कुमार मिश्रा ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों आन्ध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मु कश्मीर, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, मिजोरम, नागालैण्ड, राजस्थान, उत्तराखण्ड, उड़ीसा, त्रिपुरा, झारखण्ड के सीमैट एवं एस.सी.ई.आर.टी. के निदेशक प्रतिभाग कर रहे हैं। इस अवसर पर सीमैट प्रयागराज के डॉ अमित खन्ना, पवन सावंत, सरदार अहमद, मायाराम मौजूद रहे।