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शगुन किट: नवविवाहित जोड़ों को आशा देंगी 3940 शगुन किट, यहां देखें अपडेट

नवविवाहित जोड़ों के लिए एक अच्छी खबर है। अब आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर ऐसे नवविवाहितों को शगुन किट देंगी। गाजियाबाद जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 3940 शगुन किट वितरित की जाएंगी। आशा दुल्हन को शगुन किट देकर परिवार नियोजन और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेंगी। इतना ही नहीं, नवविवाहित जोड़े को अपनी शादी का पंजीकरण कराने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।

जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से नये जोड़ों को शगुन किट बांटने की तैयारी की गयी है. इसके लिए प्रत्येक आशा कार्यकर्ता को चार से पांच किटें दी गई हैं। शहरी क्षेत्र में 240 और ग्रामीण क्षेत्र में 624 आशा नवविवाहित जोड़े के दरवाजे पर दस्तक देंगी और दुल्हन को शगुन के तौर पर किट देंगी।

शगुन किट में क्या-क्या शामिल है

शगुन किट में तौलिया, बिंदी, मास्क, दो रूमाल, कंघी, दर्पण, सेफ्टी रेजर, नेल कटर, विवाह पंजीकरण आवेदन, शगुन पुस्तिका, बधाई संदेश और एक थैली और कैरी बैग होगा। सुरक्षित मातृत्व एवं शिशु योजना के नोडल अधिकारी डॉ. रवीन्द्र कुमार ने बताया कि दुल्हन को शगुन किट देने का उद्देश्य नव दम्पत्तियों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करना है। आशा कार्यकर्ता दुल्हन को सुरक्षित और असुरक्षित दिनों के बारे में भी बताएंगी। साथ ही गर्भनिरोधक दवा लेने की विधि के बारे में भी जानकारी दी जाएगी.

स्वास्थ्य विभाग द्वारा शगुन किट में विवाह पंजीकरण आवेदन भी उपलब्ध कराया गया है। नए जोड़ों को विशेष विवाह अधिनियम 1954 और हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत पंजीकरण कराने की भी सलाह दी गई है। यह पंजीकरण स्टांप एवं पंजीकरण विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करके भी कराया जा सकता है। आशा कार्यकर्ता नये जोड़ों को विवाह पंजीकरण के लिए भी प्रेरित करेंगी।

इस तरह बांटी जाएंगी किटें

मुरादनगर 700

भोजपुर 900

लोनी 620

डासना 720

शहरी क्षेत्र 1000

गाजियाबाद में सुरक्षित मातृत्व एवं शिशु देखभाल योजना के नोडल अधिकारी डॉ. रवींद्र कुमार ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं को अपने-अपने क्षेत्र में नव दंपत्ति को लक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्हें शगुन किट देकर परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने को कहा गया है।