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रामराज्य की स्थापना राष्ट्र और समाज के लिए अनुकरणीय : शंकर विजेंद्र सरस्वती

प्रयागराज, 21 नवम्बर (हि.स.)। महापौर गणेश केसरवानी के आवास कीडगंज में लोक कल्याण की कामना के लिए अखंड रामायण पाठ का आयोजन किया गया। कांची कोटी के शंकराचार्य शंकर विजेंद्र सरस्वती ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र ने एक आदर्श राम राज्य की स्थापना की थी जो आज भी राष्ट्र और समाज के लिए अनुकरणीय है।

शंकराचार्य ने अखंड रामायण पाठ के उपरांत मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की रामराज्य की स्थापना को लेकर कहा कि श्रीराम के राजगद्दी पर बैठते ही राजकार्य की व्यवस्था को अपने हाथों में लेते ही, तीनों लोक स्वर्ग, मर्त्य, और पाताल अत्यंत प्रसन्न हुए और उनके सब दुःख दूर हो गए। राम के प्रताप से सब के मनों के भेद-भाव या कुटिलता नष्ट हो गई। ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र इन चारों वर्णों तथा ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और सन्यास इन चारों आश्रमों के लोग अपने-अपने कर्तव्य का भली-भाँति पालन करते थे और सभी वेद के बताए मार्ग पर चलते थे। इसलिए सदा सुख पाते थे। उन्हें कभी कोई रोग, शोक या भय नहीं सताता था।

राम के राज्य में दैहिक ज्वर आदि व्याधियाँ, दैविक अकाल आदि और भौतिक सिंह आदि पशुओं से किसी प्रकार का दुःख नहीं होता था। सब लोग आपस में बड़े प्रेम से रहते थे और वैदिक मर्यादा का पालन करते हुए अपने-अपने धर्म-कर्म का आचरण करते थे। राम के राज्य काल में संसार में धर्म अपने चारों चरणों से पूर्ण हो रहा था। स्वप्न में भी वहाँ पाप के कहीं दर्शन न होते थे। उन्होंने कहा कि आज कलयुग में एक आदर्श रामराज स्थापना करने की आवश्यकता है। जिससे आसुरी शक्तियों का नाश हो और मानवता का कल्याण हो।

इस अवसर पर महन्त हरि चैतन्य ब्रह्मचारी, डॉ चंद्रदेव महाराज सच्चा बाबा आश्रम, चंद्र माधव अरैल धाम, अवधेश दास, प्रवेश ब्रह्मचारी महाराज, महंत राधे गिरी श्री पंचायती निर्वाणी अखाड़ा, पुजारी मनमोहन पुरी आदि ने अपने अमृत वचनों से आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम का संचालन आभा मधुर श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर संसद रीता बहुगुणा जोशी, विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह, रईस चंद्र शुक्ला, पूर्व विधायक प्रभाशंकर पांडे, पूर्व महापौर मुरारी लाल अग्रवाल, राजेश केसरवानी, पार्षद किरन जायसवाल सहित सैकड़ो भक्तगण उपस्थित रहे।