जीवनशैली से जुड़ी कई बीमारियां तेजी से फैल रही हैं, और इनमें से अधिकांश का मूल कारण मोटापा है। वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन की रिपोर्ट के अनुसार, यदि प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो 2035 तक दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी मोटापे की शिकार हो सकती है। वर्तमान में, 38 प्रतिशत आबादी मोटापे से प्रभावित है, और यदि यह स्थिति जारी रही, तो यह आंकड़ा अगले 12 वर्षों में 51 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। भारत में भी मोटापे का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है, विशेष रूप से महिलाओं में। महिलाओं में मोटापे के कारण स्वास्थ्य, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक समस्याएं बढ़ रही हैं। मोटापे के कारण महिलाओं में कैंसर का खतरा 40 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
मोटापे के कारण
- हार्मोनल परिवर्तन:
फिजिशियन डॉ. सुनीता नागपाल के अनुसार, महिलाओं में हार्मोनल बदलाव, जैसे कि पीसीओएस और मेनोपॉज, मोटापे के प्रमुख कारण हैं। - तनाव:
डॉ. विभु क्वात्रा बताते हैं कि तनाव और मोटापा एक-दूसरे के पूरक हैं। तनाव से कोरटिसोल हार्मोन का निर्माण होता है, जो मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है। - शारीरिक निष्क्रियता:
उम्र बढ़ने के साथ महिलाएं शारीरिक गतिविधियों में कमी लाती हैं, जिससे मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। - पोषण की कमी:
पोषण का सही ढंग से अवशोषण न होना और शरीर में अतिरिक्त चर्बी का इकट्ठा होना कुशिंग सिंड्रोम का संकेत हो सकता है। - थायरॉइड समस्याएं:
थायरॉइड ग्रंथि की खराब कार्यप्रणाली मोटापे का एक और कारण है। - पाचन संबंधी समस्याएं:
कब्ज जैसी पाचन समस्याएं भी वजन बढ़ाने का कारण बन सकती हैं।
वजन घटाने के मिथक
- जल्दी वजन घटाने की धारणा:
वजन घटाना एक निरंतर प्रक्रिया है, और इसे चुटकियों में कम नहीं किया जा सकता। - विशिष्ट आहार पर निर्भरता:
केवल एक प्रकार का आहार लेने से वजन घटाना संभव नहीं है। एक संतुलित आहार और व्यायाम का संयोजन जरूरी है। - भोजन को सीमित करना:
एक बार का खाना न खाना वजन को नियंत्रित करने में सहायक नहीं होता।
वजन कम करने की सही प्रक्रिया
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, वजन घटाने की प्रक्रिया धीरे-धीरे करनी चाहिए। हर सप्ताह आधा किलो वजन कम करना सामान्य माना जाता है।
व्यायाम का महत्व
सिर्फ आहार में कटौती से वजन कम नहीं किया जा सकता; नियमित व्यायाम आवश्यक है। शोध से पता चला है कि शाम 6 बजे से रात 12 बजे के बीच व्यायाम करने से मोटापे के शिकार लोगों को अधिक लाभ होता है।
इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, यह स्पष्ट है कि मोटापे को गंभीरता से लेना और इसके खिलाफ कदम उठाना अत्यंत आवश्यक है।