सालभर में चार नवरात्रियों का आयोजन होता है: चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि, गुप्त नवरात्रि और माघ गुप्त नवरात्रि। जहां चैत्र और शारदीय नवरात्रि देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा के लिए समर्पित होती हैं, वहीं माघ गुप्त नवरात्रि का महत्व कुछ अलग होता है। इस नवरात्रि में 10 महा विद्याओं की पूजा की जाती है, जिनमें देवी काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी शामिल हैं।
माघ गुप्त नवरात्रि 2025 की तिथि द्रिक पंचांग के अनुसार, माघ गुप्त नवरात्रि का आरंभ 30 जनवरी 2025 (गुरुवार) को होगा और इसका समापन 7 फरवरी 2025 को होगा। इस दौरान पूजा-अर्चना के साथ-साथ दान का महत्व भी बढ़ जाता है। मान्यता है कि दान करने से साधक को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
माघ गुप्त नवरात्रि में दान की सामग्री:
- कुमकुम दान:
- कुमकुम को माथे पर लगाने का महत्व है। यह देवी दुर्गा, शक्ति और सुंदरता का प्रतीक है। कुमकुम का दान करने से देवी भगवती प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद देती हैं।
- अन्न दान:
- इस नवरात्रि में अन्न-दान का विशेष महत्व है। अन्न दान करने से देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि का वरदान मिलता है। यह पुण्य की प्राप्ति और रोग-दोषों से छुटकारा दिलाने में सहायक होता है।
- जौ का दान:
- मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए जौ का दान करना शुभ माना जाता है। यह दान जीवन के सभी दुख-कष्टों से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।
- वस्त्र और आभूषण:
- धन और सुख-संपन्नता की प्राप्ति के लिए वस्त्र और आभूषण का दान भी किया जा सकता है।
माघ गुप्त नवरात्रि के दौरान इन दान सामग्रियों का दान करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।