भारत सरकार ने ‘भारतीय वायुयान अधिनियम, 2024’ को आज से प्रभावी कर दिया है। यह नया अधिनियम 90 साल पुराने ‘विमान अधिनियम, 1934’ की जगह लेगा। सरकार का उद्देश्य विमानन क्षेत्र में कारोबार को आसान बनाना और विमान निर्माण व डिजाइन को प्रोत्साहित करना है। संसद ने इस अधिनियम को दिसंबर 2024 में मंजूरी दी थी, और 1 जनवरी, 2025 से यह आधिकारिक रूप से लागू हो गया।
नए अधिनियम का उद्देश्य
‘भारतीय वायुयान अधिनियम, 2024’ का मुख्य उद्देश्य भारतीय विमानन क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना और देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।
- विमान निर्माण, डिजाइन, रखरखाव, स्वामित्व, और संचालन को विनियमित करना।
- विमान के आयात और निर्यात की प्रक्रिया को पारदर्शी और आसान बनाना।
- विमानन क्षेत्र में सुधार और आधुनिक तकनीकों को अपनाने के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना।
नए कानून की प्रमुख विशेषताएं
- भारतीय कंपनियों को सशक्त बनाना:
- विमान निर्माण और डिजाइन में भारतीय कंपनियों को बढ़ावा।
- तकनीकी नवाचार के लिए नए अवसर।
- पुराने कानून की जटिलताओं का समाधान:
- 1934 के कानून में 21 बार संशोधन किए गए थे।
- इस अधिनियम से पुराने नियमों की जटिलताएं समाप्त होंगी।
- विमानन बाजार को नई ऊंचाई:
- भारत के तेजी से बढ़ते नागरिक विमानन बाजार को वैश्विक मानकों तक पहुंचाने में मदद।
नियमन और दंड प्रावधान
यह अधिनियम केंद्र सरकार को विमान निर्माण, परिचालन, और संबंधित गतिविधियों पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है।
- अपराध और दंड:
- खतरनाक तरीके से विमान उड़ाना।
- विमान में हथियार या विस्फोटक ले जाना।
- हवाई अड्डों के पास कचरा फैलाना या जानवरों का वध।
- इन अपराधों के लिए तीन साल तक की कैद, एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है।
विमानन क्षेत्र में बदलाव के संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि यह अधिनियम भारतीय विमानन उद्योग के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा।
- आत्मनिर्भरता:
- यह कानून भारत को विमान निर्माण और डिजाइन में आत्मनिर्भर बनाएगा।
- वैश्विक प्रतिस्पर्धा:
- भारत को वैश्विक विमानन बाजार में एक मजबूत स्थिति मिलेगी।
- रोजगार के नए अवसर:
- नए उद्योगों और स्टार्टअप्स के जरिए तकनीकी विशेषज्ञता और रोजगार बढ़ेगा।