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बुध गोचर 2025: बुध शनि की मूल त्रिकोण राशि में गोचर करेगा

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वैदिक ज्योतिष गणना के अनुसार, बुध 11 फरवरी 2025, मंगलवार से कुंभ राशि में गोचर करेगा। ग्रहों के राजकुमार बुध का यह राशि परिवर्तन 19 दिनों तक मकर राशि में रहने के बाद कुंभ राशि में होगा। शनि मकर और कुंभ दोनों राशियों का स्वामी है, लेकिन कुंभ राशि कर्म के स्वामी न्यायाधीश शनि की मूल त्रिकोण राशि भी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वर्तमान में शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में स्थित हैं। इस राशि में बुध के गोचर से दोनों ग्रहों की युति का असर देश-दुनिया समेत सभी राशियों पर पड़ेगा।

कुंभ राशि में बुध के गोचर का ज्योतिषीय महत्व

वैदिक ज्योतिष गणितीय गणना के अनुसार, मंगलवार, 11 फरवरी 2025 को दोपहर 12:58 बजे बुध शनि की राशि कुंभ में प्रवेश करेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि के स्वामित्व वाली कुंभ राशि वायु राशि है, जो विचारशीलता और समाज में योगदान के लिए प्रेरित करती है। इस राशि में बुध का गोचर रचनात्मकता, आविष्कारशीलता और नए विचारों को जन्म देने में सहायक माना जाता है। यह समय अनुसंधान, नवाचार और वैज्ञानिक सोच के लिए अनुकूल है। बुध का यह गोचर तकनीकी और डिजिटल क्षेत्र में रुचि रखने वालों के लिए नए अवसर लेकर आ सकता है।

मिथुन

मिथुन राशि का स्वामी बुध है इसलिए इनके लिए बुध का गोचर विशेष महत्व रखता है। मिथुन राशि वालों की तार्किक और विश्लेषणात्मक क्षमता में वृद्धि होगी। तकनीकी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए नए अवसर खुलेंगे। डिजिटल मार्केटिंग, सॉफ्टवेयर या आईटी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को पदोन्नति या पहचान मिलने की संभावना है। उच्च शिक्षा के लिए यह समय अनुकूल रहेगा। जो लोग अपना करियर बदलना चाहते हैं उन्हें नई और बेहतर भूमिकाएँ मिल सकती हैं।

तुला

बुध का गोचर तुला राशि के लिए विशेष रूप से रिश्ते और वित्तीय क्षेत्र में अच्छा रहेगा। तुला राशि के लोग नई योजनाएँ बनाएंगे और उन्हें व्यावसायिक रूप से क्रियान्वित करने में सफल होंगे। रिसर्च और इनोवेशन से जुड़ी परियोजनाओं में सफलता मिलेगी.