बिहार शिक्षा विभाग ने राज्य के चुनिंदा सरकारी नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए नए साल में वेतन बढ़ोतरी की घोषणा की है। यह कदम उन शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए राहत लेकर आया है, जिनकी बेसिक सैलरी उनके जूनियर कर्मचारियों से भी कम हो गई थी। शिक्षा विभाग ने इस समस्या को दूर करने के लिए नियोजन इकाइयों के अध्यक्षों और सचिवों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
वेतन विसंगति को दूर करने की पहल
शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार, 1 अप्रैल 2021 को देय वेतन में 15% की वृद्धि की गई थी। इसके बाद नवंबर 2021 से पे-मैट्रिक्स में बदलाव किया गया। हालांकि, इस बदलाव के कारण कुछ शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों की बेसिक सैलरी उनके जूनियर कर्मचारियों के मुकाबले कम हो गई।
- नए निर्देश:
- जिन शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों का वेतन जूनियर कर्मचारियों से कम है, उनके मूल वेतन को बढ़ाकर बराबर किया जाएगा।
- यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वरिष्ठ कर्मचारियों के वेतन में किसी प्रकार की विसंगति न हो।
शिक्षकों की शिकायत पर कार्रवाई
कई जिलों से यह शिकायत मिल रही थी कि वरिष्ठ शिक्षकों की सैलरी उनके जूनियर साथियों से कम हो गई है।
- समस्या का समाधान:
शिक्षा विभाग ने 2025 तक सभी प्रभावित कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर करने का लक्ष्य रखा है। - क्या होगा फायदा?
- शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को उनकी सीनियरिटी के आधार पर उचित वेतन मिलेगा।
- इससे वेतन ढांचे में पारदर्शिता और कर्मचारियों के बीच संतोष बढ़ेगा।
नई नियमावली: शिक्षकों के लिए राहत के प्रावधान
हाल ही में बिहार सरकार ने शिक्षकों के लिए नई नियमावली पेश की है, जिसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।
सक्षमता परीक्षा के लिए अधिक मौके
- परीक्षा के प्रयास:
- नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए सक्षमता परीक्षा में अब तीन के बजाय पांच मौके दिए जाएंगे।
- विशेष शिक्षक बनने का अवसर:
- जो शिक्षक विशिष्ट शिक्षक बनेंगे, उन्हें अपने मौजूदा स्कूल में ही सेवा जारी रखने का मौका मिलेगा।
क्या है उद्देश्य?
- शिक्षकों की योग्यता को बढ़ावा देना।
- उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा देकर सशक्त बनाना।
- शिक्षा प्रणाली को और मजबूत और पारदर्शी बनाना।
नए साल में क्या बदलाव होंगे?
बदलाव | प्रभावित वर्ग | लाभ |
---|---|---|
बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी | नियोजित शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष | जूनियर से कम वेतन की विसंगति को दूर करना। |
सक्षमता परीक्षा में अधिक मौके | सभी नियोजित शिक्षक | राज्यकर्मी बनने के लिए प्रयासों में वृद्धि। |
पे-मैट्रिक्स में सुधार | वरिष्ठ शिक्षक | वेतन में संतुलन और पारदर्शिता। |