बिहार की राजनीति में हाल के दिनों में अटकलों और बयानबाज़ियों का दौर तेज़ हो गया है। आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र के नीतीश कुमार को गठबंधन का ऑफर देने के बाद से सियासी गलियारे में हलचल मची हुई है। वहीं, बीजेपी नेताओं के बयान और सफाई ने इस बहस को और धार दी है। इन सबके बीच, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के तीखे बयान ने सियासी तापमान को और बढ़ा दिया है।
तेजस्वी यादव का कड़ा जवाब
एक प्रमुख टीवी चैनल के इंटरव्यू में, जब तेजस्वी यादव से यह पूछा गया कि अगर नीतीश कुमार आरजेडी के साथ आना चाहें, तो क्या वे उन्हें माफ कर सरकार चलाने को तैयार होंगे? इस पर तेजस्वी ने स्पष्ट शब्दों में कहा,
“अब सवाल ही पैदा नहीं होता। वो थक चुके हैं और अब बिहार चलाने की स्थिति में नहीं हैं। उनके साथ आने का मतलब अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा होगा।”
तेजस्वी के इस बयान ने यह साफ कर दिया कि आरजेडी और जेडीयू के बीच किसी भी संभावित गठबंधन की संभावना फिलहाल खत्म है।
नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया
आरजेडी के ऑफर पर प्रतिक्रिया देते हुए नीतीश कुमार ने पहले ही साफ कर दिया था कि अब वे किसी गलती को दोहराने के मूड में नहीं हैं। सीतामढ़ी में प्रगति यात्रा के दौरान उन्होंने कहा,
“हम एनडीए के साथ रहकर बिहार और देश के विकास में योगदान देंगे।”
यह बयान यह संकेत देता है कि नीतीश कुमार ने अब अपनी राजनीतिक दिशा को स्पष्ट कर दिया है और आरजेडी के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है।
भाई वीरेंद्र के बयान से मची हलचल
आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने नीतीश कुमार को गठबंधन में शामिल होने का न्योता देकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का केंद्र बना दिया था। उन्होंने कहा,
“अगर नीतीश कुमार सांप्रदायिक ताकतों को छोड़कर आते हैं, तो हम उनका स्वागत करेंगे।”
उनके इस बयान ने सियासत को नई दिशा दे दी थी, लेकिन नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बयानों के बाद यह मुद्दा ठंडा पड़ता दिख रहा है।
तेजस्वी का नीतीश पर बड़ा आरोप
शनिवार को तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि,
“नीतीश कुमार अब बिहार चलाने में असमर्थ हैं। उनकी पार्टी के चार नेता उन्हें हाईजैक कर रहे हैं। इनमें दो नेता दिल्ली से और दो बिहार से हैं। नीतीश कुमार अब केवल एक चेहरा बनकर रह गए हैं।”
तेजस्वी के इन आरोपों से सियासत में हड़कंप मच गया है।
जेडीयू का पलटवार
तेजस्वी यादव के आरोपों पर जेडीयू प्रवक्ता नवल शर्मा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
“नेता प्रतिपक्ष का आरोप हास्यास्पद है। लालू यादव और उनके परिवार ने जिस तरह अपने नेताओं को हाशिये पर डाला और लालू जी को मानसिक कष्ट दिया, उससे वे खुद सवालों के घेरे में हैं। ऐसे आरोप लगाना उनकी रणनीति का हिस्सा है, ताकि असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके।”