दुनिया में सबसे अधिक वेतन पाने वाले पेशेवरों में भारतीय मूल के जगदीप सिंह का नाम अब शीर्ष पर है। उनके नाम और चेहरे की चर्चा हर ओर हो रही है। सिंह का एक दिन का वेतन 48 करोड़ रुपये है, जो सालाना लगभग 17,500 करोड़ रुपये तक पहुंचता है।
गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई भी सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले सीईओ में गिने जाते हैं। अप्रैल 2023 तक, पिचाई का सालाना वेतन 1,663 करोड़ रुपये था, जिसमें भत्ते भी शामिल हैं। अगर उनके कुल मुआवजे को जोड़ा जाए, तो यह लगभग 1,854 करोड़ रुपये सालाना हो जाता है, यानी प्रतिदिन लगभग 5 करोड़ रुपये।
कौन हैं जगदीप सिंह?
जगदीप सिंह, क्वांटमस्केप के संस्थापक और प्रख्यात उद्यमी हैं।
- उन्होंने इस कंपनी की स्थापना 2010 में की थी।
- क्वांटमस्केप नेक्स्ट जेनरेशन सॉलिड-स्टेट बैटरी बनाने पर काम करता है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की ऊर्जा दक्षता को बढ़ाने और चार्जिंग समय को कम करने में मदद करता है।
- उनके इस कार्य को इलेक्ट्रिक वाहनों की दुनिया में एक क्रांति माना जा रहा है।
DNA इंडिया के अनुसार, क्वांटमस्केप की सफलता में सिंह की दूरदर्शिता और नेतृत्व ने अहम भूमिका निभाई है।
- फॉक्सवैगन और बिल गेट्स जैसे बड़े नाम इस कंपनी के निवेशकों में शामिल हैं।
- क्वांटमस्केप शुरू करने से पहले, सिंह ने कई कंपनियों में 10 वर्षों से अधिक समय तक विभिन्न प्रमुख भूमिकाओं में काम किया।
जगदीप सिंह की शिक्षा और करियर
जगदीप सिंह का शैक्षणिक और पेशेवर सफर भी बेहद प्रेरणादायक है:
- उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से बी.टेक और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से एमबीए किया।
- उनके सैलरी पैकेज में 19,000 करोड़ रुपये (लगभग 2.3 बिलियन डॉलर) के स्टॉक विकल्प शामिल थे।
- 16 फरवरी, 2024 को, उन्होंने क्वांटमस्केप के सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया और कंपनी की बागडोर शिव शिवराम को सौंप दी।
नया सफर: स्टील्थ स्टार्टअप के सीईओ
सीईओ पद छोड़ने के बाद भी, सिंह का सफर यहीं नहीं रुका।
- वे अब एक “स्टील्थ स्टार्टअप” के सीईओ हैं।
- उनका यह नया उद्यम नई तकनीकों को विकसित करने पर केंद्रित है, जो भविष्य में उन्हें और बड़ी सफलताएं दिला सकता है।
दुनिया में भारतीयों का बढ़ता दबदबा
जगदीप सिंह का नाम भारतीय प्रतिभा की शक्ति और उनकी वैश्विक पहचान को दर्शाता है।
- उनके सोशल मीडिया अकाउंट (@startupjag) के अनुसार, वे लगातार इनोवेशन में सक्रिय हैं।
- एक कर्मचारी से दुनिया के सबसे अधिक वेतन पाने वाले पेशेवर तक का उनका सफर भारतीय उद्यमिता की ताकत और नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है।