दिल्ली की सातवीं विधानसभा के पांच साल के कार्यकाल में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक उपस्थिति के मामले में आगे रहे हैं, लेकिन सवाल पूछने के मामले में भाजपा के विधायक अव्वल रहे। इस दौरान दिल्ली की सड़कों, पानी, स्वास्थ्य और अन्य मुद्दों पर कुल 948 सवाल पूछे गए। भाजपा के आठ विधायकों ने औसतन 41 सवाल पूछे, जबकि आम आदमी पार्टी के विधायकों ने औसतन केवल 10 सवाल पूछे।
पांच साल में विधानसभा में भाजपा के दो विधायकों ने सबसे ज्यादा 45-45 सवाल पूछे। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और दिल्ली इलेक्शन वॉच संस्था द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली की सातवीं विधानसभा के कार्यकाल के दौरान विधायकों के द्वारा पूछे गए सवालों, विधेयकों के पेश और पास होने के विवरण का विश्लेषण किया गया।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि विधानसभा में सबसे ज्यादा 522 सवाल 2022 में पूछे गए। वहीं, दिल्ली के विधायकों ने 2020 और 2024 में सबसे कम दिलचस्पी दिखाई, क्योंकि इन दोनों वर्षों में एक भी सवाल विधानसभा में नहीं पूछा गया। 2020 में कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन इसके प्रमुख कारण हो सकते हैं, लेकिन 2024 में भी विधायकों ने दिल्ली के मुद्दों पर कोई सवाल नहीं पूछा।
सर्वाधिक सवाल निम्नलिखित विभागों से संबंधित थे:
- अरबन डेवलपमेंट: 130 सवाल
- पीडब्ल्यूडी: 98 सवाल
- दिल्ली जल बोर्ड: 76 सवाल
- स्वास्थ्य: 74 सवाल
- शिक्षा: 55 सवाल
- राजस्व: 52 सवाल
- खाद्य एवं आपूर्ति: 50 सवाल
- परिवहन: 47 सवाल
- अरबन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड: 43 सवाल
- सोशल वेलफेयर: 37 सवाल
वहीं, कालकाजी सीट के गोविंदपुरी में भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी के समर्थकों द्वारा कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट और धमकी देने के आरोप में मुख्यमंत्री आतिशी ने चुनाव आयोग को शिकायत दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सोमवार को उनके कार्यकर्ताओं के साथ गोविंदपुरी में मारपीट की गई और उन्हें धमकी दी गई। आतिशी ने आयोग से कालकाजी में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने की मांग की है।