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जस्टिस बीआर गवई की नाराजगी: सुप्रीम कोर्ट को बताया अनुशासनहीन, CJI बनने की तैयारी

Justice Bhushan R Gavai Ani

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने एक बार फिर शीर्ष अदालत की अनुशासनहीनता पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को सबसे अनुशासनहीन स्थान करार दिया और उच्च न्यायालयों से इसकी तुलना की। जस्टिस गवई का यह बयान एक महत्वपूर्ण समय में आया है, जब वे मई 2025 में भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले हैं।

उन्होंने उच्च न्यायालयों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी सुप्रीम कोर्ट जैसी अनुशासनहीनता नहीं देखी। लाइव लॉ के अनुसार, जस्टिस गवई ने कहा, “मैं बॉम्बे, नागपुर और औरंगाबाद बेंच में जज रहा हूं, लेकिन यहां की अनुशासनहीनता अद्वितीय है।”

पिछले साल सितंबर में भी जस्टिस गवई ने इसी तरह की चिंताएं व्यक्त की थीं। उस समय उन्होंने बहस में बार-बार बाधा डालने वाले वकीलों पर नाराजगी जाहिर की थी, यह कहते हुए कि उच्च न्यायालयों से आने वाले लोगों के लिए सुप्रीम कोर्ट “सबसे अनुशासनहीन अदालत” है।

CJI बनने की तैयारी

जस्टिस गवई वर्तमान CJI संजीव खन्ना के 13 मई 2025 को रिटायर होने के बाद इस पद को ग्रहण करेंगे। खास बात यह है कि वे भारत के दूसरे दलित CJI बन सकते हैं, जबकि पहले दलित CJI जस्टिस केजी बालकृष्ण थे, जिन्होंने 11 मई 2010 को रिटायर हुए थे।

जस्टिस गवई के बयान इस बात को रेखांकित करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में सुधार की आवश्यकता है, ताकि अदालत का कामकाज और अधिक प्रभावशाली और अनुशासित बन सके।