चंडीगढ़ के सेक्टर-17 में रविवार रात एक बड़ा हादसा हुआ, जब महफिल होटल की बिल्डिंग ढह गई। हालांकि, पहले से ही एहतियात बरतने के चलते इस हादसे में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। घटना से क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई, लेकिन समय रहते उठाए गए कदमों ने संभावित त्रासदी को टाल दिया।
दरारों के बाद खाली कराई गई बिल्डिंग
हादसे से पहले होटल की बिल्डिंग में दरारें दिखाई दी थीं। यह जानकारी मिलते ही प्रशासन ने तेजी दिखाते हुए बिल्डिंग को खाली करा दिया और आसपास के क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी। पुलिस ने होटल के आसपास जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया, जिससे किसी के हताहत होने की आशंका को खत्म किया जा सके।
निर्माण कार्य के दौरान आई समस्या
मिली जानकारी के मुताबिक, होटल के अंदर निर्माण कार्य चल रहा था। इसी दौरान, बिल्डिंग के तीन पिलरों में गंभीर दरारें आ गईं। स्थिति इतनी गंभीर थी कि आसपास की अन्य इमारतों में भी झटके महसूस किए गए। इस घटना से क्षेत्र के निवासियों में दहशत फैल गई, और उन्होंने तुरंत पुलिस और प्रशासन को सूचना दी।
अधिकारियों के निरीक्षण पर उठे सवाल
हादसे से पहले कुछ अधिकारियों ने बिल्डिंग का निरीक्षण किया था। इन अधिकारियों ने स्थिति को सुरक्षित बताते हुए किसी बड़े खतरे से इनकार किया था। लेकिन अब, बिल्डिंग के गिरने के बाद, इन दावों पर सवाल खड़े हो गए हैं। लोग प्रशासन की लापरवाही और निरीक्षण प्रक्रिया पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
पुलिस और प्रशासन की तत्परता से बची जानें
पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने समय पर कदम उठाते हुए बिल्डिंग खाली कराने और रास्तों को बंद करने का निर्णय लिया। यही वजह रही कि इस बड़े हादसे में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
स्थानीय निवासियों में डर का माहौल
इस घटना के बाद क्षेत्र के लोगों में डर और चिंता का माहौल है। होटल के पास रहने वाले निवासियों ने प्रशासन से सवाल किया है कि जब बिल्डिंग में पहले से दरारें थीं, तो इसे खतरनाक घोषित क्यों नहीं किया गया? इसके अलावा, अन्य इमारतों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
भविष्य के लिए सबक
यह हादसा प्रशासन और निर्माण से जुड़े अधिकारियों के लिए एक चेतावनी है कि ऐसी समस्याओं को हल्के में न लिया जाए। समय रहते ठोस कदम उठाने से जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।