गौतम गंभीर: नए साल 2025 के साथ भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में कई बदलाव की तैयारी है। उसी के तहत बीसीसीआई ने 12 जनवरी को मुंबई में विशेष आम बैठक बुलाने का ऐलान किया है. इस बैठक का मुख्य एजेंडा सचिव और कोषाध्यक्ष पद का चुनाव है. नवनियुक्त देवजीत सैकिया संभालेंगे कार्यभार. जिसका कार्यकाल सितंबर 2025 तक होगा. जबकि कोषाध्यक्ष अरुण धूमल अपने दो कार्यकाल पूरे कर चुके हैं जिसके कारण उन्हें यह पद छोड़ना पड़ा है।
गंभीर की कोचिंग को लेकर कई सवाल
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक में गौतम गंभीर और उनकी कोचिंग टीम के प्रदर्शन पर चर्चा हो सकती है. हालांकि यह मूल मुद्दा नहीं है, टीम के हालिया निराशाजनक प्रदर्शन के कारण बोर्ड के कुछ सदस्यों में गंभीर की कोचिंग को लेकर नाराजगी बढ़ रही है. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1-3 से हार ने भारतीय टीम को गहरे संकट में डाल दिया है।
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी गंभीर के लिए निर्णायक मोड़
गौतम गंभीर के लिए सबसे बड़ा जोखिम यह है कि आगामी आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 उनकी कोचिंग के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। अगर भारत इस टूर्नामेंट में सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंच पाया तो गंभीर की कोचिंग को लेकर कई सवाल उठेंगे. भारतीय टीम की हालिया असफलताओं के पीछे का कारण टीम का लगातार खराब फॉर्म और प्रमुख खिलाड़ियों का चोटिल होना है। विराट कोहली और रोहित शर्मा का प्रदर्शन उम्मीद से कहीं ज्यादा खराब रहा. वहीं, जसप्रीत बुमराह की चोट के कारण टीम का गेंदबाजी आक्रमण कमजोर हो गया है।
गौतम गंभीर का कोचिंग कार्यकाल
सितंबर 2024 में गौतम गंभीर ने भारतीय टीम के कोच का पद संभाला। उस समय भारतीय टीम टी20 विश्व कप जीतकर शीर्ष स्थान पर थी. उस समय भारत टेस्ट और वनडे में भी काफी मजबूत स्थिति में था. गंभीर ने अपने कोचिंग कार्यकाल की शुरुआत बांग्लादेश को टेस्ट में 2-0 से हराकर की। लेकिन इसके बाद टीम के प्रदर्शन में गिरावट जारी रही. भारतीय टीम को वनडे सीरीज में श्रीलंका के हाथों हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद भारत घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-3 से टेस्ट सीरीज हार गया। जो भारतीय क्रिकेट के इतिहास में पहली बार हुआ. इसके बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में भी भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा।