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केरल के युवक बिनिल टीबी की रूस-यूक्रेन युद्ध में मौत, परिवार को अब शव लाने की चिंता

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रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में केरल के बिनिल टीबी की मौत हो गई है। अब उनके परिवार और रिश्तेदार उनका शव भारत लाने की कोशिश कर रहे हैं। बिनिल के परिवार ने बताया कि उन्होंने कई बार भारत लौटने की गुहार लगाई थी और इसके लिए मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास में लगातार आवेदन किया था। लेकिन उन्हें वापस नहीं लाया जा सका। अब उनके शव को ही भारत लाने की प्रक्रिया चल रही है।

ड्रोन हमले में हुई मौत

कुछ दिन पहले बिनिल के परिवार को सूचना मिली थी कि वह और उनके एक रिश्तेदार यूक्रेनी ड्रोन हमले में घायल हो गए हैं। इस खबर के बाद से बिनिल की पत्नी मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास के संपर्क में थीं। अधिकारियों ने अब पुष्टि की है कि बिनिल की मौत हो चुकी है। हालांकि, उनके रिश्तेदार की जान बच गई है। भारतीय दूतावास ने यह जानकारी रूसी सेना से प्राप्त की।

वापसी की असफल कोशिशें

बिनिल और उनके रिश्तेदार जैन टीके कई महीनों से भारत लौटने की कोशिश कर रहे थे। उनकी पत्नी ने बताया कि बिनिल ने एक संदेश भेजा था, जिसमें लिखा था, “हम शारीरिक और मानसिक रूप से टूट चुके हैं।” उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें जबरदस्ती युद्ध में भेजा जा रहा है और उनकी जिंदगी खतरे में है। यह आशंका आखिरकार सच साबित हुई। सितंबर से ही बिनिल लगातार भारत लौटने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन सफल नहीं हो सके।

रोजगार के नाम पर मिला धोखा

बिनिल और उनके रिश्तेदार उन भारतीयों में से थे, जो अप्रैल 2024 में रोजगार की तलाश में रूस गए थे। उन्हें रूसी सेना के सपोर्ट स्टाफ में काम देने का वादा किया गया था। इलेक्ट्रिशियन, कुक, प्लंबर और ड्राइवर जैसी नौकरियों के लालच में वे रूस पहुंचे थे। वहां पहुंचने के बाद उनसे भारतीय पासपोर्ट छोड़ने और रूसी नागरिकता लेने को कहा गया। लेकिन वादे के विपरीत, उन्हें युद्ध के मोर्चे पर तैनात कर दिया गया।

केरल के दो भारतीयों की मौत

बिनिल रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे गए दूसरे भारतीय हैं। इससे पहले अगस्त 2023 में केरल के त्रिशूर के रहने वाले संदीप की भी ड्रोन हमले में मौत हो गई थी। यह सभी युवक बेहतर रोजगार की तलाश में रूस गए थे, लेकिन वहां धोखे का शिकार हो गए।

परिवार की चिंता

अब बिनिल के परिवार का एकमात्र उद्देश्य उनका शव भारत लाना है। उनके परिवार ने कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें ऐसा सामना करना पड़ेगा। उन्होंने भारत लौटने के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।”